जलकुंभी से तालाब का पूरा पानी हरी चादर की तरह हो गया है। मछली पालन में करोडों रुपए देने वाले तालाब आज बगैर पालन के पड़ा है। इसका मुख्य कारण जल कुं भी है। स्थानीय लोगों का कहना था कि अगर इस तालाब पर जिम्मेदार विभाग द्वारा ध्यान नहीं दिया गया तो आने वाले कुछ ही सालों में मदन सागर तालाब समाप्त हो जाएगा।
मदन सागर तालाब के रखरखाव के लिए स्थानीय लोगों ने नगरपरिषद से लेकर तहसीलदार, एसडीएम, कलेक्टर को ज्ञापन दे चुके है, लेकिन मामले में किसी ने ध्यान नहीं दिया। लेकिन जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा केन बेतवा लिंक परियोजना के लिए जागरूक किया जा रहा है। इस परियोजना से तालाब भरने की बात कही जा रही है।
तालाब के रखरखाव के लिए पत्र शासन के पास भेज दिया गया है, लेकिन बजट के अभाव में स्वीकृति नहीं मिली है। जलकुंभी हटाने के लिए विभाग के पास कोई बजट नहीं है, अगर नगर परिषद इसमें सहयोग कर देती है तो यह जलकुंभी हट सकती है।
सौरभ पटेल, एसडीओ जल संसाधन विभाग जतारा।