बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिन्दू, बौद्ध एवं ईसाई समुदाय पर हो रहे अत्याचार के खिलाफ किया प्रदर्शन
गांधी चौराहा पर पैदल यात्रा के दौरान
गांधी चौराहा पर पैदल यात्रा के दौरान
सनातन चेतना मंच के बैनर तले राष्ट्रपति के नाम कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन टीकमगढ़. बुधवार को शहर के नजरबाग मंदिर के सामने सनातन चेतना मंच के बैनर तले जिले के साधु संत एकत्र हुए। बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिन्दू, बौद्ध एवं ईसाई समुदाय पर हो रहे अत्याचार को लेकर साधु संतों ने कड़े शब्दों में निंदा कर विरोध जताया और सभी सनातन लोगों को एकजुट रहने का संकल्प दिलाया। उसके बाद गांधी चौराहा होते हुए सभी चौराहों से पैदल यात्रा निकाली गई। जिला अस्पताल चौराहा पर कलेक्टर अवधेश कुमार शर्मा और एसपी को राष्ट्रपति के नाम सौंपा है। कार्यक्रम के दौरान पुलिस बल तैनात रहा।
राष्ट्रपति के नाम दिए ज्ञापन में साधु संत और चंद्रप्रकाश जैन ने बताया कि हम भारत के नागरिक और सकल हिन्दू समाज के प्रतिनिधि बांग्लादेश में हिन्दू, बौद्ध और ईसाई समुदायों पर अत्याचार किया जा रहा है। स्वतंत्रता के समय बांग्लादेश में 22 प्रतिशत हिन्दू थे, लेकिन अब 7.9 प्रतिशत ही बचे है। बिगत 5 अगस्त को हिंसा फैली थी। हिन्दुओं पर हमले की 6 हजार से ज्यादा घटनाएं हो चुकी है। जिनमें खुलना, रंगपुर, राजशाही, बारीशाल, चिटगांव, सिलहट इन सभी विभागों में हिन्दू पर लगातार अत्याचार किए जा रहे है। पुलिस विभाग हिन्दूओं की शिकायतें नहीं ले रहा है। एक ही महीने में 252 हिन्दू पुलिस अधिकारियों को नौकरी से निकाल दिया है। मंदिरों पर हमला करके ध्वस्त किया गया है। प्रमुख हिन्दू संत एवं इस्कॉन के पदाधिकारी चिन्मय कृष्णदास ब्रम्हचारी को देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तार कर लिया है।
सनातन चेतना मंच ने मांगों में कहा कि भारत सरकार द्वारा बांग्लादेश सरकार पर दवाब बनाकर अल्पसंख्यक समुदायों की सुरक्षा, धार्मिक स्वतंत्रता को कायम रखा जा सके, हिन्दू संत स्वामी चिन्मय कृष्णदास प्रभू की बिना शर्ते रिहा किया जाए। संयुक्त राष्ट्र और अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठनों के माध्यम अत्याचारों के लिए जवाबदाये ठहराया जाए। निष्पक्ष और स्वतंत्र जांच कराई जाए के साथ अन्य मांगे की गई। इस दौरान धर्मगुरु आरुष महाराज, विजय राघव मंदिर के बब्लू महाराज, राघवेंद्र मिश्रा, मौनी बाबा, सुरेश दौदेरिया, अमित नुना, राकेश, रानू खरे, राहुल तिवारी के साथ विभिन्न संगठन के पदाधिकारी और कार्यकर्ता रहे।
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