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टीकमगढ़

बुंदेलखंड में शिक्षा की अलख जगाने वाले हमारे सर गौर को मिले भारत रत्न

टीकमगढ़. सागर विश्वविद्यालय की स्थापना करने वाले सर गौर को भारत रत्न देने के पत्रिका के आह्वान से अब अनेक संगठन जुड़ते जा रहे है। रविवार को गुड मॉर्निंग ग्रुप ने भी प्रधानमंत्री को पोस्टकार्ड लिखकर उन्हें भारत रत्न सम्मान दिलाने की मांग की है। ग्रुप के सदस्यों का कहना था कि वह सभी भी सागर विश्वविद्यालय से ही पढ़े है।

टीकमगढ़Dec 02, 2024 / 06:48 pm

Pramod Gour

पत्रिका के आह्वान से अब अनेक संगठन जुड़ते जा रहे है

पत्रिका के आह्वान से अब अनेक संगठन जुड़ते जा रहे है

गुड मॉर्निंग ग्रुप ने लिखे प्रधानमंत्री को पोस्टकार्ड

टीकमगढ़. सागर विश्वविद्यालय की स्थापना करने वाले सर गौर को भारत रत्न देने के पत्रिका के आह्वान से अब अनेक संगठन जुड़ते जा रहे है। रविवार को गुड मॉर्निंग ग्रुप ने भी प्रधानमंत्री को पोस्टकार्ड लिखकर उन्हें भारत रत्न सम्मान दिलाने की मांग की है। ग्रुप के सदस्यों का कहना था कि वह सभी भी सागर विश्वविद्यालय से ही पढ़े है।
बुंदेलखंड में शिक्षा के लिए अपनी पूरी संपत्ति दान करने वाले सर गौर को भारत रत्न दिलाने के लिए हर कोई आगे आ रहा है। शनिवार को नगर के गुड मॉर्निंग ग्रुप ने सर गौर को भारत रत्न सम्मान दिलाने का समर्थन करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पोस्टकार्ड लिखे।
ग्रुप के संरक्षक सुरेश दौंदेरिया ने कहा कि शिक्षा के लिए ऐसा काम करने वाले बहुत कम लोग है। सागर यूनिवर्सिटी पूरे हमारे बुंदेलखंड का गौरव है। इससे पूरे देश में हमारी पहचान है। सर गौर ने इसके लिए जो काम किया है, वह सराहनीय और अतुलनीय है। ऐसे में उन्हें यह सम्मान जरूर दिया जाना चाहिए। उनका कहना था कि इस अभियान को हर घर तक पहुंचाया जाएगा।
&सागर यूनिवर्सिटी से ही पूरे बुंदेलखंड में शिक्षा की लौ फैली है। हमने भी यही से शिक्षा ग्रहण की है। हमारी आने वाली पीढिय़ां भी यहीं से उच्च शिक्षा प्राप्त करेंगी। सागर यूनिवर्सिटी निर्माण के लिए अपनी जीवन की पूरी कमाई दान करने वाले सर गौर को यह सम्मान जरूर मिलना चाहिए।
धनीराम सोनी, व्यापारी

&सर गौर को भारत रत्न सम्मान देना पूरे शिक्षा जगत का सम्मान होगा। आज जरूरी है कि लोग शिक्षा के क्षेत्र में इस प्रकार के काम करें। सर गौर को यह सम्मान मिलने से और लोगों को भी इस क्षेत्र में काम करने की प्रेरणा मिलेगी। इस प्रकार से शिक्षा के लिए दान करने वाले बहुत कम लोग है। वह इसके सच्चे हकदार है।
एच के धमेरिया, शासकीय कर्मचारी।

&बुंदेलखंड क्षेत्र के विकास के लिए केंद्रीय हरिङ्क्षसह गौर विश्वविद्यालय मील का पत्थर है। 1946 में जब लोग इस क्षेत्र में आने को भी तैयार नहीं थे, उस समय सर गौर ने यहां पर शिक्षा के लिए इतना बड़ा कदम उठाया। स्थापना के बाद ही यहां पर विकास के द्वार खुले। पूरा श्रेय सर गौर को जाता है। उन्हें सम्मान जरूर मिलना चाहिए।
रूपेश तिवारी, समाजेसेवी।

यह रहे शामिल

अभियान में शामिल होकर अमित गोस्वामी, गौरव शर्मा, अमर श्रीवास्तव, सेवा निवृत्त एसआई जीपी यादव, जन्मेजय तिवारी, किशोर भागवानी, राजा भागवानी, अखिलेश तिवारी, इंद्र विक्रम ङ्क्षसह, प्रमोद पटसारिया, राहुल, पंकज खरे, किशन पुष्पकार, राजदीप शर्मा सहित अन्य लोग शामिल रहे।

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