शहर की कई दुकानों पर बड़ी मात्रा में एक्सपायरी डेट की पैकेट बंद खाद्य सामग्री रखी है। दुकान में जगह की कमी होने पर व्यापारियों द्वारा इससे खुले में फेंका जा रहा है। तीन दिन पूर्व लखौरा रोड़ पर बड़ी मात्रा में यह सामग्री फेंकी गई तो निचली बस्ती के बच्चों ने यहां पर पहुंच कर इसे खाना शुरू कर दिया। वह तो गनीमत रही कि इसे खाने से बच्चों पर किसी प्रकार का प्रतिकूल असर नहीं पड़ा, वरना मामला गंभीर हो सकता था। बताया जा रहा है कि दुकान पर एक्सपायरी डेट की खाद सामग्री की शिकायत की चर्चा होने पर व्यापारी ने रातों रात नष्ट करने की जगह इसे खुली जगह पर फेंक दिया।
इस गंभीर लापरवाही के बाद भी विभाग इस मामले में महज खानापूर्ति करता दिखाई दे रहा है। विदित हो कि विभाग यदि चाहता तो इन पैकेट पर अंकित कंपनियों से पता किया जा सकता था कि इसका जिले में डीलर कौन है, लेकिन इसके लिए कोई प्रयास नहीं किया गया।
क्त एक साल में खाद्य सामग्री के कितने सैंपल लिए गए हैं। ्र जिले में ४१२ के लगभग जांच के लिए सैंपल लिए हैं। इन्हें जांच के लिए प्रयोगशाला भेज दिए है। क्त कितनों की जांच रिपोर्ट आई है, कितने सैंपल फेल निकले है।
्र अब तक २१२ सेंपल की जांच रिपोर्ट आ चुकी है। इसमें ४ सैंपल फेल निकले है। इस पर संबंधित दुकानदारों पर कार्रवाई की जा रही है। क्त बाकी की रिपोर्ट कब तक आएगी।
्र इसकी जानकारी नहीं है। क्त पैकेट बंद सामग्री की कितनी जांचें हुई। ्र इसकी जानकारी नहीं है। क्त लगभग कितनी होगी ्र आधी तो होनी चाहिए। क्त विभाग का क्या काम रहता है।
्र विभाग द्वारा दुकानदार के साथ ग्राहकों को जागरूक करना होता है। दुकानदार को एक्सपायरी डेट की खाद्य सामग्री के लिए अलग स्थान बनाना चाहिए। जिससे गलती से भी खराब सामग्री ग्राहक के पास नहीं पहुंचे।
क्त लखौरा सड$क किनारे बड़ी मात्रा में पैकेट बंद एक्सपायरी डेट के कुरकरे, मटर पुलाव के साथ चिप्स पड़ी थी, वह कहां गई। ्र उन्हें एकत्र करके नष्ट करवा दिया है। लेकिन उसका पता नहीं है किसने फेंकी है। सभी दुकान और व्यापारियों को निर्देश दिए हैं। इस प्रकार की खराब खाद्य सामग्री खुले में नहीं फेंके, उसे नष्ट करें।
क्त एक्सपायरी खाद्य सामग्री का क्या करना चाहिए। ्र मावा, पनीर, दूध के साथ अन्य को जमीन में दबाकर नष्ट कर देना चाहिए। पैकेट बंद खाद्य सामग्री को जला देना चाहिए। जिससे लोगों के हाथ नहीं लग सके।
क्त इसका जिम्मेदार कौन होता है। ्र इसकी जिम्मेदारी दुकानदार की होती है। उसे पहले आने वाले स्टॉक को खत्म करना चाहिए। जिससे एक्सपायर नहीं हो पाए। एकाध महीने एक्सपायरी डेट रहने के पहले संबंधित कंपनी को वापस कर देना चाहिए।