आवेदक ने परेशान होकर लोकायुक्त में दर्ज कराई शिकायत
आरोपी बिना पैसे लिए नामांतरण करने को राजी नहीं था। उसके लिए बाकी के बचे हुए पैसे मांग रहा था। इससे परेशान होकर आवेदक ने अपनी शिकायत लोकायुक्त में करा दी। जिसके बाद बचे हुए पैसों में से 10 हजार रुपए की पहली किस्त पटवारी संजू रैकवार को लेते हुए रंगे हाथों पकड़ लिया गया। आरोपी पटवारी के द्वारा पैसे लेकर अपने साथी शिवम यादव को दे दिए। इसके बाद साथी ने भी रतिराम पाल नाम के शख्स को पैसे दे दिए। इन दोनों व्यक्तियों को अवैध कार्यों में सहयोग करते पाए जाने पर सह आरोपी बनाया गया है।