पर्यटन विभाग द्वारा सोमवार से अपनी नई दरें लागू कर दी गई है। इन दरों के हिसाब से ओरछा में पुरातत्व महात्व के स्मारण देखने आने वाले देशी पर्यटकों को प्रवेश शुल्क के रुप में 20 रुपए प्रति स्मारक की दर से देने होंगे तो विदेशी पर्यटकों को इसके लिए 400 रुपए खर्च करने होंगे। साथ ही, अगर कोई यहां पर फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी करना चाहता है तो उसे प्रत्येक स्मारक के पास इसके लिए 250 रुपए अतिरिक्त चुकाने होंगे। जबकि, पूर्व में ओरछा में इन स्मारकों को भ्रमण करने के लिए देशी पर्यटकों को 10 रुपए और विदेशी पर्यटकों से 250 रुपए शुल्क वसूलता था। साथ ही एक ही टिकिट पर सभी स्मारकों का भ्रमण करने की अनुमति थी। ऐसे में अब ओरछा में ही प्रमुख पांच स्थलों का भ्रमण करने पर जहां देशी पर्यटकों को 100 रुपए देने होंगे तो विदेशियों को इसके लिए 2000 रुपए खर्च करने पड़ेगे।
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गाइड एसोसिएशन का विरोध शुरु
पर्यटन विभाग द्वारा बढ़ाई गई नई दरों का गाइड एसोसिएशन ने कड़ा विरोध शुरु कर दिया है। गाइड एसोसिएशन के अध्यक्ष हेमंत गोस्वामी का कहना है कि, प्रदेश सरकार का ये निर्णय शर्मनाक है। पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए जहां केन्द्र सरकार ने 5 लाख विदेशी पर्यटकों को निशुल्क बीजा दिया है, वहीं सरकार स्मारकों पर ही कई गुना चार्ज वसूल रही है। ऐसे में पर्यटन पर बुरा असर पड़ेगा। कोरोना के बाद जैसे-तैसे स्थिति पटरी पर आ रही है, लेकिन सरकार घाव पर मरहम लगाने के बजाए उसपर और नमक छिड़क रही है। गाइड एसोसिएशन ने चेतावनी दी है कि, अगर जल्दी ही बढ़े हुए शुल्कों में सुधार नहीं किया गया तो ओरछा के व्यापारियों के साथ आंदोलन करेंगे। एसोसिएशन ने इस संबंध में पर्यटन मंत्री को ज्ञापन भी भेजा है।
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भाजपा भी विरोध में, सौंपा निगम अध्यक्ष को ज्ञापन
गाइड एसोसिएशन के साथ ही भाजपा ने भी इसका विरोध किया है। सोमवार को ओरछा पहुंचे पर्यटन विकास निगम के अध्यक्ष विनोद गोटिया को निवाड़ी जिलाध्यक्ष अखिलेश अयाची ने भी ज्ञापन सौंपा है। उन्होंने शुल्क बढ़ोत्तरी को अनुचित बताते हुए इसे वापस लेने की मांग की है। साथ ही गाइड एसोसिएशन ने भी इसका विरोध करते हुए अध्यक्ष को ज्ञापन सौंपा।