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टीकमगढ़

डेढ साल में मुख्यमंत्री आवासीय भू-अधिकार योजना के लिए नहीं मिल पाई जमीन

आवास बनाने वाली जमीन पर अतिक्रमण।

टीकमगढ़Aug 14, 2024 / 11:05 am

akhilesh lodhi

आवास बनाने वाली जमीन पर अतिक्रमण।

आवास बनाने वाली जमीन पर अतिक्रमण।

जहां किए थे वितरण, वहां पर हो गया अतिक्रमण, भूस्वामी अधिकार पत्र लेक र अधिकारियों के लगा रहे चक्कर

टीकमगढ़. जिले में आवास हीन हितग्राहियों को मुख्यमंत्री द्वारा आवास निर्माण के लिए भूस्वामी अधिकार पत्र वितरण किए थे। उनके लिए जमीन भी चिन्हित की गई थी, लेकिन वह जमीन हितग्राहियों को आज तक नहीं मिल पाई है। आवास निर्माण कराने की जगह लेने हितग्राही भूस्वामी अधिकार पत्र लेकर सरपंच और अधिकारियों के चक्कर लगा रहे है।
बताया कि ४ जनवरी २०२३ में टीकमगढ़ विधानसभा के बगाज माता मंदिर मैदान में मुख्यमंत्री का कार्यक्रम आयोजित किया गया था। उस स्थान पर मुख्यमंत्री आवासीय भू-अधिकार योजना के तहत भूस्वामी अधिकार पत्र वितरण किए गए थे। सातखेरा गांव में आवास निर्माण कराने की जगह पर हितग्राहियों को खड़ा किया गया था। उसी स्थान पर भूस्वामी अधिकार पत्र दिए गए थे। लेकिन वह जमीन अतिक्रमण की चपेट में आ गई है। यही स्थिति पूरे जिले की सभी विधानसभा क्षेत्र की बनी हुई है।
१०५०० भूस्वामी अधिकार पत्र किए गए थे वितरण
जिले में १०५०० भूस्वामी अधिकार पत्र मुख्यमंत्री द्वारा वितरण किए गए थे। जिसका मॉडल ६०० वर्ग फीट पति-पत्नी के नाम रखा गया था। इनका निर्माण १२० करोड रुपए से किया जाना था। ग्राम पंचायतों में उगड जमीन पर आवास निर्माण कराने के लिए चिन्हित किया गया था। निर्माण के लिए चूना से चिन्ह लगाए गए थे। लेकिन राजस्व विभाग की लापरवाही से उस जमीन पर आवास निर्माण नहीं हो पाए है।
इन गांव के हितग्राहियों को मंच से दिए थे भूस्वामी अधिकार पत्र
हितग्राही चंद्रभान सिंह, सुखदीन साहू जितेंद्र सिंह लोधी, शीला चढ़ार, जगदीश आदिवासी, लखन आदिवासी, कैलाश लोधी, कामता सौंर, बुजलाल पाल, विमलेश ने बताया कि ४ जनवरी २०२३ में सुंदरपुर, सातखेरा ४३, राधापुरा १५, समर्रा १०६, अजनौर १२५, पातारखेरा ८०, दरी ४० के साथ अन्य गांव के भूस्वामी अधिकार पत्र मंच से वितरण किए गए थे। लेकिन वहीं हितग्राही भूस्वामी अधिकार पत्र लेकर आवास निर्माण कराने के लिए जमीन तलाश रहे है।
परिवार को रहने के लिए घर नहीं है, पीएम आवास के लिए चक्कर लगाने पड़ रहे थे। मुख्यमंत्री आवासीय भू-अधिकार योजना में नाम आ गया था। जनवरी २०२३ में मुख्यमंत्री द्वारा भूस्वामी अधिकार पत्र दिया गया था, लेकिन आज तक उसके लिए जमीन नहीं मिल पाई है। जमीन के लिए अधिकारियों के चक्कर काटने पड़ रहे है।
अजय नामदेव समर्रा।
योजना में नाम आने से परिवार को खुशी हुई थी, लेकिन डेढ साल में भूस्वामी अधिकार पत्र लेकर ही घूम रहे है। कोई अधिकारी भी नहीं सुन रहा है। जिसके कारण उम्मीद छोड दी है।
राजेंद्र सिंह लोधी, समर्रा।
इनका कहना
आवास निर्माण के लिए मुख्यमंत्री ने भूस्वामी अधिकार पत्र ४० दरी और नगारा गांव हितग्राहियों को किए थे। जमीन भी चिन्हित की गई थी, जो जमीन चिन्हित थी उस पर अतिक्रमण है। अधिकारियों द्वारा अतिक्रमण हटाने के लिए आश्वासन दिया जा रहा है। लेकिन कार्रवाई नहीं की जा रही है।
शिवचरण लोधी, सरपंच दरी।
पातारखेरा ग्राम पंचायत में ८० भूस्वामी अधिकार पत्र हितग्राहियों को दिए गए थे, लेकिन डेढ साल में आज तक आवास की जमीन नहीं मिल पाई है। भूस्वामी अधिकार पत्र लेकर हितग्राही अधिकारियों के चक्कर काट रहे है।
शांति देवी- भूपेंद्र सिंह लोधी सरपंच पातरखेरा।
इनका कहना
इतना तो मालूम है कि भूस्वामी अधिकार पत्र हितग्राहियों को दिए गए थे, लेकिन मुझे उसकी पूरी जानकारी नहीं है। मामले को दिखवाते है और हितग्राहियों को कब्जा दिलवाने का कार्य किया जाएगा।
संजय कुमार दुबे, एसडीएम टीकमगढ़।

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