पुस्तकालय में आयोजित कार्यक्रम में विभिन्न विषयों की पर्चियां एक बॉक्स में डाली गई थी। इसमें युवाओं को एक पर्ची निकालनी थी और उसमें जो विषय था उस पर अपनी बात प्रस्तुत करनी थी। इसमें मेरा पसंदीदा हीरो पर आरती दुबे ने अपने पिता को अपना हीरो बताया और कहा कि मेरे पिता वास्तव में मेरे हीरो है। वे मेरे प्रेरणा स्रोत हैं। मुझे हमेशा आगे बढऩे और नया कुछ करने को प्रोत्साहित करते हैं। मेरा फेवरेट विषय पर अरङ्क्षवद अहिरवार ने गणित विषय पर अपनी बात कही और गणित के महत्व को जीवन में बताया।
अपने भविष्य की रूपरेखा विषय पर अर्पित जैन ने सिविल सर्विस की तैयारी के विषय में बताया। उन्होंने कहा कि यह समय सिविल सेवा परीक्षा से बड़े अधिकारी बनकर समाज सेवा करने का है।
महात्मा गांधी व्यक्तित्व और कृतित्व पर बोलते हुए नंदिनी दुबे ने उन्हें विश्व नेता कहकर संबोधित किया। उनके द्वारा किए गए कार्यो को प्रेरणादायक और महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने उनकी महत्वपूर्ण पुस्तक मेरे सत्य के प्रयोग का उल्लेख भी किया। इसके साथ ही यहां पर प्रकाशित की गई युवा विमर्श पत्रिका का विमोचन किया गया। इसमें यहां के युवाओं द्वारा रचित कविताएं, कहानियां, समीक्षाएं, यात्रा संस्मरण और विचार शामिल किए गए है। पत्रिका की संपादक डॉ. विनीता नाग ने युवाओं को मिल रहे अवसरों का लाभ लेने का आह्वान किया।
उन्होंने स्वामी विवेकानंद के जीवन से प्रेरणा लेने की बात कही। रङ्क्षवद्र यादव ने कविता पाठ किया। राजीव नामदेव ने स्वामी विवेकानंद के व्यक्तित्व कृतित्व पर आधारित दोहे सुनाएं। राम गोपाल रैकवार ने भी स्वामी विवेकानंद के दर्शन पर आधारित कविता सुनाई। इस दौरान लाइब्रेरियन विजय मेहरा ने युवाओं को पुरस्कृत किया।