शिक्षा विभाग के जिला आईटी प्रभारी अनूप कुमार शर्मा ने बताया कि जिले में सीडब्ल्यूएसएन में १५० के अपंग एवं शारीरिक रूप से बाधित छात्र-छात्राओं को कक्षाओं में सभी के साथ बैठाया जाएगा। इससे विरोधी व्यावहारिता खत्म होगी। इसके लिए समावेशी शिक्षा का सहारा लिया गया है। जिले के चारों विकासखंडों के शिक्षकों को प्रशिक्षण दिया जा चुका है। ऐसे छात्रों को अन्य छात्रों में बैठाकर पढ़ाई कराना, उन्हीं के साथ सामाजिक वातावरण को समझाने और एक दूसरी की दूरी को कम करने का प्रयास किया जाएगा। वहीं शारीरिक रूप से विकृतियुक्त बालकों को पुनर्वास कराया जाएगा। उनकी समस्याओं का समाधान कराने का प्रयास किया जाएगा।
समावेशी शिक्षा में समुदाय भावना को बढाने के लिए खेलों का आयोजन, छात्रों की समस्या का समाधान, किताबों और गीतों का आदान प्रदान, संबंधित विचारो का कक्षा में आदान प्रदान, कार्यक्रम तैयार करना, उन्हें शिक्षक की भूमिका निभाने का मौका देना, विभिन्न क्रिया कलापों के दल बनाना, अच्छा वातावरण तैयार करना, अभिभावकों का सहयोग लेना के साथ अन्य कार्यों को किया जाएगा। जिससे शारीरिक अपंगता की सोच से बच्चें आगे बढ़ेंगे।
फैक्ट फाइल
१५० जिले में अपंग और दिव्यांग छात्रों का हुआ चयन
३९ टीकमगढ़ ब्लॉक के विद्यालय
३३ बल्देवगढ़ ब्लॉक के विद्यालय
३४ पलेरा ब्लॉक के विद्यालय
४६ जतारा ब्लॉक के विद्यालय
इनका कहना
समावेशी शिक्षा योजना से अपंग, शरीरिक और दिव्यांग छात्रों के व्यवहार को बदलने कार्य शुरू किया है। जिले से १५० छात्र-छात्राओं को सम्मलित किया गया है। इन छात्रों को पढ़ाने के लिए भोपाल स्तर से शिक्षक नियुक्त किया जाएगा। ऐसे छात्रों को सामान्य छात्रों के साथ बैठाकर शिक्षा दी जाएगी।
एससी जैन, नोडल अधिकारी समावेशी शिक्षा टीकमगढ़।