मंडी सचिव ने बताया कि टीकमगढ़ जिले में चार कृषि उपज मंडी दर्ज है। इस मंडी को एक साल पहले ई-मंडी घोषित किया गया था। अब निवाड़ी कृषि उपज मंडी को ई मंडी घोषित किया गया है और एक जनवरी २०२५ से प्रक्रिया शुरू की जाएगी। जिसमें किसानों की मंडी में प्रवेश पर्ची के साथ भुगतान की प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी रहेगी।
ग्रामीण क्षेत्र से किसान उपज लेकर मंडी में आते है और कई दिन तक नीलामी और फि र मंडी में प्रवेश के लिए इंतजार करते है। नीलामी के समय मंडी कर्मचारी मंडी के रसीद कट्टे पर कार्रवाई करते है। प्रवेश पर्ची बनाते है। कई बार उपज को मंडी लाने के बाद व्यापारी उपज को रिजेक्ट कर देते है। जिससे विवाद की स्थिति बनती है। इससे किसानों को अनेक प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
उपज की प्रवेश पर्ची बनाने के लिए किसानों को अपने मोबाइल में मंडी एप लोड करना होगा। जिस पर किसान अपना नाम, उपज, खाता नंबर जैसी जरूरी जानकारियां दर्ज कर खुद प्रवेश पर्ची जेनरेट करेंगे। जिसे लेकर मंडी आएंगे। इसके बाद एप के माध्यम से उपज का अनुबंध पत्र बनेगा। जिस पर उपज की मात्रा और दाम सहित कुल राशि दर्ज होगी। उपज की तुलाई के बाद व्यापारी द्वारा किसान को भुगतान किया जाएगा। जिसकी जानकारी भी ऑनलाइन दर्ज होगी। भुगतान होते ही मंडी प्रबंधन को कंप्यूटर पर सारी जानकारी मिल जाएगी। इस प्रक्रिया में पूरी पारदर्शिता होगी।
ई-मंडी कीसुविधा किसानों को मिलेगी। मंडी के एप पर सभी पंजीकृत व्यापारी जुड़े होंगे। किसान इस पर अपनी उपज के फ ोटो डालकर व्यापारियों तक पहुंचा सकेंग। जिन्हे देख व्यापारी वहीं पर दाम लगाएंगे। किसान को दाम पसंद आते ैं तो वो वहीं फसल बेचने का अनुबंध कर सकेंगे। इसके बाद व्यापारी किसान के घर से उपज उठाएंगे और प्रक्रिया के तहत भुगतान करेंगे। ई-मंडी की प्रक्रिया अपनाने के लिए किसानों और व्यापारियों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। एक जनवरी से यह योजना मंडी में लागू होगी।
निवाड़ी जिले की कृषि उपज मंडी को ई-मंडी का दर्जा मिल गया है। एक जनवरी २०२५ से यह प्रक्रिया शुरू की जाएगी। एक साल पहले टीकमगढ़ की कृषि उपज मंडी को ई-मंडी का दर्जा मिल गया है। वहां पर ई-मंडी योजना के तहत कार्य किया जा रहा है। इस प्रकार की योजना से किसान खुद अपनी प्रवेश पर्ची बनाएंगे, नीलामी और भुगतान की प्रक्रिया पूरी तरह से पारदर्शी हो जाएगी।
घनश्याम प्रजापति सचिव कृषि उपज मंडी टीकमगढ़/ निवाड़ी।