शहर निवासी रामेश्वर शुक्ला ने बताया कि पैकेट बंद मटर पुलाव, चिप्स के साथ विभिन्न कंपनियों के पैकेट तीन दिनों से लाखौरा रोड किनारे पड़े है। एक दिन मवेशियों का झुंड लगा रहा और दो दिनों से छोटे-छोटे बच्चें पैकेटों को ले जाते दिखाई दिए। रविवार की सुबह से कई बच्चे इन पैके ट को एकत्र कर रहे थे और कई पैकेट फाडकर खा रहे थे।
जिला अस्पताल में शिशु विशेषज्ञ डॉ पीएल विश्वकर्मा ने बताया कि एक्सपायरी डेट और उसके मिलावटी तेल से निकली खाद्य सामग्री खाने से बच्चों का बार-बार पेट दर्द करना, उल्टी दस्त के साथ लीवर किडनी की बीमारियां होना, बच्चों की भूख चली जाना और वजन नहीं बढ़ता है। इन साम्रगियों को बच्चों से दूर रखना चाहिए। उल्टी दस्त से बच्चों की जान भी जा सकती है। ऐसे पदार्थों को नष्ट करना चाहिए।
खाद्य पदार्थ अगर एक्सपायरी डेट के बाद खाए तो स्वास्थ्य के लिए बहुत जोखिम भरा हो सकता है। पैकेट बंद जैसी सामग्री हानिकारक बैक्टीरिया के विकास के लिए सहयोगी होता है और इन्हें उनकी नियत तिथि के बाद खाने से फ ूड पॉइजनिंग, पेट दर्द या अन्य स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हो सकती है। इस सामग्री को खुले में फें कने से लोगों की जिंदगी से खिलवाड़ किया जा रहा है।
पैकेट बंद सामग्री को खुले में फें कना गलत है। इन्हें जमीन के गड्ढा में नष्ट किया जा सकता है और आग जलाकर भी नष्ट किया जा सकता है। अभी मौके पर जाकर जांच करता हूं। किस कंपनी की सामग्री है उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
मनीष कुमार जैन, खाद्य सुरक्षा अधिकारी टीकमगढ़।