आपको जानकर हैरानी होगी कि मंदिर में मौजूद पवित्र शिवलिंग दिन में केवल एक ही बार भक्तों को दर्शन देते हैं। जिसके बाद वे समुद्र में विलीन हो जाते हैं। लेकिन सबसे खास बात यह है कि शिवलिंग का जलाभिषेक बिल्कुल ही गज़ब तरीके से होता है। क्योंकि भगवान
शिव का जलाभिषेक कई पुजारी या भक्त नहीं करता बल्कि खुद समुद्र देव भोले भंडारी का रोज़ाना जलाभिषेक करते हैं।
बता दें कि भक्तों को दर्शन देने के बाद मंदिर समुद्र की लहरों के बीच गायब हो जाता है। लेकिन कुछ देर बाद भक्तों को दर्शन देने के लिए खुद ब खुद बाहर भी आ जाता है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि स्तंभेश्वर महादेव मंदिर में करीब चार फुट ऊंचा चमत्कारी शिवलिंग है। मान्यताओं के मुताबिक आज से करीब 200 साल पहले इस मंदिर की खोज की गई थी। खास बात ये है कि मंदिर वैसे तो पूरे दिन ही समुद्र में डूबा रहता है। लेकिन एक बार भक्तों के दर्शन के लिए बाहर भी आ जाता है।
चमत्कारी पल उस वक्त देखने का मिलता है जब समुद्र में प्रतिदिन दो बार आने वाले ज्वारभाटे के दौरान मंदिर समुद्र की गोद में समा जाता है। लेकिन यहां ज्वारभाटे का सीधा मतलब यह है कि हर दिन दो बार भगवान शिव का जलाभिषेक भी होता है। इस दौरान किसी भी व्यक्ति को मंदिर या समुद्र के पास जाने की अनुमति नहीं होती है।