21 दिसंबर 2025,

रविवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

भगवान शिव के इस मंदिर में छिपा है अमरत्व का रहस्य, जानें क्या है पौराणिक कथा

कहते हैं कि अमरनाथ मंदिर में भगवान भोलेनाथ का शिवलिंग स्वयं निर्मित होकर इसका आकार घटता-बढ़ता रहता है। वहीं माना जाता है कि हिंदुओं के इस प्रमुख तीर्थ स्थल में की यात्रा बहुत महत्व रखती है जिसके पीछे एक पौराणिक कथा है...

2 min read
Google source verification
AMARNATH TEMPLE, amarnath yatra, amarnath temple mystery, amarnath temple immortality secret, amarnath mandir ki kahani, secret of amarnath shivling, history of amarnath temple, weird temples in india, secrets of amarnath cave, अमरता का रहस्य, बाबा बर्फानी अमरनाथ यात्रा, अमरनाथ मंदिर का इतिहास, अमरनाथ मंदिर कहां पर स्थित है,

भगवान शिव के इस मंदिर में छिपा है अमरत्व का रहस्य, जानें क्या है पौराणिक कथा

Amarnath Temple Secret: हिंदुओं का प्रमुख तीर्थ स्थल कहा जाने वाला अमरनाथ मंदिर जम्मू और कश्मीर की राजधानी श्रीनगर से 145 किलोमीटर दूर स्थित है। कश्मीर की बर्फीले पहाड़ों के बीच अमरनाथ गुफा है जहां हर साल काफी संख्या में लोग भोलेनाथ के इस मंदिर में बर्फ के शिवलिंग के रूप में बाबा बर्फानी के दर्शनों के लिए आते हैं। कहा जाता है कि भगवान भोलेनाथ का यह बर्फ का शिवलिंग स्वयं निर्मित होकर इसका आकार घटता-बढ़ता रहता है। अमरनाथ मंदिर से लोगों की आस्था और बहुत सी मान्यताएं जुड़ी हुई हैं। तो आइए जानते हैं अमरनाथ यात्रा की महत्व के पीछे कौन सी पौराणिक कथा का उल्लेख है...

क्या है अमरता के रहस्य से जुड़ी पौराणिक कथा

पौराणिक कथा के अनुसार, एक बार जब माता पार्वती ने भोलेनाथ से अमरता का रहस्य जानने की इच्छा प्रकट की तो पहली बार में भोलेनाथ में उन्हें बताने से इंकार कर दिया। लेकिन माता पार्वती के बार-बार प्रार्थना करने पर शिव जी मान गए। लेकिन इस गुप्त बात को कोई और न सुन पाए इसलिए वे दोनों किसी एकांत स्थान के लिए हिमालय पर्वत की तरफ चल दिए।

साथ ही शिवजी ने इस बात को पूर्ण रूप से गोपनीय रखने के लिए नंदी बैल, अपनी जटाओं से चंद्रमा को, कंठ से सांपों को और गणेश को साथ न ले जाने का निश्चय किया। तत्पश्चात पंचतत्वों पृथ्वी, वायु, आकाश, आग तथा पानी का परित्याग कर भगवान भोलेनाथ और माता पार्वती के गुफा के अंदर चले गए।

उस गुफा के अंदर शिवशंभु ने अपने आसपास अग्नि प्रज्वलित करके वह स्वयं ध्यान मुद्रा में लीन हो गए और फिर माता पार्वती को अमरता का रहस्य बताने लगे। परंतु उस जलाई हुई अग्नि से महादेव के आसन के नीचे कबूतर के अंडे भस्म नहीं हो पाए और अंडों से निकलकर कबूतर के एक जोड़े ने अमरता की कथा को सुन लिया।

कहते हैं कि अमरनाथ में आज भी तीर्थयात्रियों को गुफा के भीतर कबूतर का जोड़ा दिखाई देता है जिसे अमर पक्षी की नाम से जाना जाता है। और चूंकि इस गुफा के अंदर ही अमरता के रहस्य की कथा महादेव द्वारा सुनाई गई थी इसलिए इस गुफा को अमरनाथ गुफा कहा जाने लगा।

(डिस्क्लेमर: इस लेख में दी गई सूचनाएं सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। patrika.com इनकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ की सलाह ले लें।)

यह भी पढ़ें: वास्तु शास्त्र: धन और करियर के क्षेत्र में रुकावट बन सकता है घर की उत्तर दिशा में बना हुआ स्टोर रूम, जानें सही दिशा