SURAT KAPDA MANDI: जाने वाले वाहन 400 और वापसी में 280
सूरत. सूरत कपड़ा मंडी का कपड़ा कारोबार दीपावली सीजन में पूरी तरह उठाव पर है और पिछले 20-25 दिन से रोजाना 400 करीब मालवाहक वाहन सूरत से देशभर की कपड़ा मंडियों में जा रहे हैं। वहीं, मालवाहक वाहनों की वापसी में अब असर पडऩे लगा है और यह असर फिलहाल 30 प्रतिशत तक पहुंचा है। इससे माल बुकिंग पर मामूली सा असर है, लेकिन दीपावली तक ट्रांसपोर्ट व्यवसाय पर किसी तरह के प्रतिकूल असर की आशंका को भी ट्रांसपोर्ट व्यावसायियों ने नकारा है। कोरोना काल में इस वर्ष मार्च-अप्रेल से मई-जून तक का लग्नसरा सीजन पूरी तरह ठप रहा और बाद में हल्की-फुल्की ग्राहकी सूरत कपड़ा मंडी में जुलाई-अगस्त तक रही। इस हल्की-फुल्की ग्राहकी के दौरान सूरत कपड़ा मंडी से मात्र 35-40 ट्रक माल अन्यत्र कपड़ा मंडियों के लिए जाता और यह दौर करीब आधे सितम्बर तक बना रहा, लेकिन उसके बाद स्थिति में बदलाव आया और मुश्किल में फंसा ट्रांसपोर्ट व्यवसाय की गति सूरत कपड़ा मंडी से अन्यत्र मंडियों में जाने वाले मालवाहक वाहनों की संख्या बढऩे के साथ बढ़ती रही। अक्टूबर की शुरुआत में स्थिति यह आ गई कि मालवाहक वाहनों की रोजिंदा संख्या 400 तक पहुंच गई और यह लगातार बरकरार है। रोजाना सूरत कपड़ा मंडी से 400 करीब ट्रक रवाना होने से अब वापस पहुंचने वाले मालवाहक वाहनों की संख्या प्रभावित होने लगी है और यह आंकड़ा 30 प्रतिशत तक पहुंचा है।
-ज्यादा भार 1, 2 व 3 नवम्बर को रहेगा मालवाहक वाहनों की वापसी में कमी के बावजूद बुकिंग कोई बेहद ज्यादा प्रभावित नहीं हो रही है और थोड़ी-बहुत मात्रा में होती भी है तो एक-दो दिन में वाहन उपलब्ध होते ही खुल भी जाती है। ट्रांसपोर्ट व्यावसायियों के मुताबिक ट्रांसपोर्ट कारोबार की यह रफ्तार दीपावली तक यूं ही बने रहने की प्रबल संभावना है, हालांकि दीपावली से ठीक पहले एक, दो व तीन नवम्बर को यह भार अधिक रह सकता है क्योंकि उसके बाद पांच-सात दिन तक दीपावली अवकाश का माहौल सूरत कपड़ा मंडी में रहेगा।
-दीपावली तक ऐसा ही माहौल रहेगा अगले सप्ताह में दीपावली त्योहार है और कपड़ा कारोबार के साथ-साथ ट्रांसपोर्ट व्यवसाय की गति यूं ही बनी रहेगी। वाहनों की वापसी में थोड़ी समस्या अवश्य है और यह प्रत्येक वर्ष दीपावली के दिनों में आती ही है। युवराज देसले, प्रमुख, सूरत टैक्सटाइल गुड्स ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन
-अधिक माल यूपी-बिहार व एमपी दीपावली सीजन में ज्यादा संख्या में मालवाहक वाहन देश के सबसे बड़े प्रदेश उत्तरप्रदेश, बिहार व मध्यप्रदेश के लिए रवाना हो रहे हैं और इनकी संख्या 40 प्रतिशत तक है। शेष 60 प्रतिशत ट्रक देश की अन्य सभी कपड़ा मंडियों में जा रहे हैं। दीपावली सीजन की अच्छी ग्राहकी में सूरत कपड़ा मंडी में रोजाना 400 तक नए ट्रकों की जरूरत होती है और जितने भी वाहन यहां से निकलते हैं उन्हें गंतव्य तक पहुंचने में ही 5 से 7 दिन तक लग जाते हैं, ऐसे में वाहनों की वापसी प्रभावित होना तय है।
-बहुत ज्यादा फर्क नहीं दीपावली सीजन की अच्छी ग्राहकी से ट्रांसपोर्ट व्यवसाय भी सूरत कपड़ा मंडी में पूरी तेजी पर है। मालवाहक वाहनों की वापसी में 30 प्रतिशत तक फर्क पड़ रहा है, लेकिन उससे ट्रांसपोर्ट व्यवसाय पर ज्यादा असर नहीं होगा। किरण जैन, ट्रांसपोर्ट व्यवसायी व सदस्य, सूरत टैक्सटाइल गुड्स ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन
-वापसी में केवल 280 वाहन रोजाना ट्रांसपोर्ट व्यावसायियों के मुताबिक सूरत में उत्तर भारत से सबसे ज्यादा मालवाहक वाहन आते हैं और फिर थोड़े-थोड़े अन्य प्रदेशों से अलग-अलग माल लेकर लौटते हैं। यहां से जाने वाले वाहन की वापसी में माल बुुकिंग तय सी होती भी है, लेकिन वाहन से माल उतारने व नया माल चढ़ाने के बाद सूरत तक पहुंचने में भी समय लगता है जबकि सूरत कपड़ा मंडी से जाने वाले वाहनों की रफ्तार में कोई कमी नहीं है। ऐसी स्थिति में अभी 30 प्रतिशत तक वाहनों की उपलब्धता प्रभावित हो रही है और रोज 280 ट्रक सूरत पहुंच रहे हैं।