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सूरत

विचाराधिन कैदी ने की आत्महत्या

13 नवम्बर से वह लाजपोर जेल में कैद था

सूरतDec 03, 2018 / 10:07 pm

Sandip Kumar N Pateel

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विचाराधिन कैदी ने की आत्महत्या

सूरत. लाजपोर जेल में सोमवार तडक़े एक विचाराधिन कैदी ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। सचिन पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

पुलिस के मुताबिक मृतक कैदी का नाम अजय जयकिशन महंतो (27) था। सोमवार तडक़े करीब ढ़ाई बजे उसने जेल के कॉमन बाथरूम के वेंटीलेशन खिडक़ी से कपड़ा बांधकर फांसी लगा ली। सुबह जेल प्रशासन को पता चलने पर उन्होंने सचिन पुलिस को जानकारी दी। सचिन पुलिस ने जेल पहुंचकर शव का कब्जा लिया और पोस्टमार्टम के लिए न्यू सिविल अस्पताल भेज दिया। पुलिस ने बताया कि अजय मूलत: बिहार के मुजफ्फरपुर का निवासी है और उस पर लूट तथा चोरी की वारदातों में लिप्त होने का आरोप था। 13 नवम्बर से वह लाजपोर जेल में कैद था।


बीआरटीएस बस की चपेट में युवक की मौत



सूरत. बीआरटीएस रूट पार करते वक्त बस की चपेट में आने से एक युवक की मौत हो गई। हादसा सोमवार शाम सरथाणा के वनमाली जंक्शन के पास हुआ।
पुलिस ने बस चालक के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। पुलिस के मुताबिक मृतक का नाम राहुल तुषार डांगी था और वह वनमाली जंक्शन के पास खुले मैदान में परिवार के साथ रहता था। सोमवार शाम वह शौच करने के लिए गया था। लौटते वक्त वनमाली जंक्शन के पास बीआरटीएस रूट पार करते वक्त बस चालक ने उसे चपेट में ले लिया। गंभीर रूप से घायल होने से मौके पर ही उसकी मौत हो गई।

अल्पेश कथीरियों की जमानत याचिका मंजूर



सूरत. राजद्रोह के आरोप में गिरफ्तार पाटीदार आरक्षण आंदोलन के समन्वयक अल्पेश कथीरिया को सोमवार को सेशन कोर्ट ने सशर्त जमानत पर रिहा कर दिया। हालांकि अमरोली थाने में ही दर्ज हत्या की कोशिश के एक और मामले के कारण वह फिलहाल जेल में ही रहेगा।

क्राइम ब्रांच पुलिस ने तीन साल पुराने राजद्रोह के मामले में अल्पेश को गिरफ्तार किया था और कोर्ट ने उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया। इसके बाद उसने अधिवक्ता यशवंतवाला के जरिए सेशन कोर्ट में नियमित जमानत के लिए गुहार लगाई थी। 30 नवम्बर को दोनों पक्षों की दलीलें पेश होने के साथ याचिका पर सुनवाई पूरी हो गई थी। इसके बाद कोर्ट ने 3 दिसम्बर तक अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। सोमवार को मुख्य जिला न्यायाधीश आर.के.देसाई ने फैसला सुनाते हुए अभियुक्त की याचिका मंजूर कर ली और उसे सशर्त जमानत पर रिहा करने का हुक्म सुनाया। जमानत की शर्तो के मुताबिक इस मामले में अभियुक्त के खिलाफ जब तक कोर्ट में चार्जशीट पेश नहीं की जाती तब तक हर महीने की पहली तारीख को उसे संबंधित थाने में हाजिरी लगानी होगी। कोर्ट की मंजूरी के बिना वह अपना स्थाई और अस्थाई पता नहीं बदल सकता। पासपोर्ट कोर्ट में जमा करवाना होगा तथा मामले निपटारा नहीं आता तब तक कोर्ट की मंजूरी के बिना गुजरात की सीमा नहीं छोड़ सकता। हालांकि राजद्रोह के मामले में जमानत मिलने के बाद भी अल्पेश जेल से मुक्त नहीं होगा। क्योंकि अमरोली थाने में दर्ज हत्या की कोशिश के एक ओर मामले में उसे गिरफ्तार किया गया है। ऐसे में इस मामले में जमानत मिलने के बाद ही वह जेल से बाहर आ पाएगा। गौरतलब है कि पाटीदार आरक्षण आंदोलन के दौरान वर्ष 2015 में पुलिस के खिलाफ भडक़ाउ बयान देने को लेकर पुलिस ने राजद्रोह का मामला दर्ज कर हार्दिक पटेल को गिरफ्तार कर लिया था। इसके बाद अन्य दो अभियुक्त विपुल देसाई और चिराग देसाई को गिरफ्तार किया गया और अब तीन साल बाद पुलिस ने इसी मामले में अल्पेश कथीरिया को गिरफ्तार किया था।

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