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असमय ही मेरे पति की मृत्यु हो गई, हमारे जीने का सहारा ही टूट गया था। लता ठाकुर बताती है कि पति की असमय मृत्यु हो जाने और घर में सीमित आय के कारण उनके परिवार का पालन-पोषण में, बच्चे की शिक्षा बहुत मुश्किल हो गई थी। वे बताती है कि हमने जो सपना देखा था उसमें कोहरा सा छा गया था। हमने सोचा कि हमारे पक्के मकान का सपना, सपना ही रह जाएगा। तभी हमारे मोहल्ले में ऐसे हितग्राही थे, जिनको प्रधानमंत्री आवास योजना की जानकारी थी। फिर मैने बिना देरीे किये, नगर पालिका जाकर योजना के बारे में पूरी जानकारी लेकर अविलंब ही आवेदन जमा कर दिया। कुछ समय पश्चात् आवास स्वीकृत भी हो गया। हमारे घर में तो त्योहार जैसा खुशनुमा माहौल हो गया था। परिवार में खुशी का ठिकाना नहीं रहा। हमारा वर्षों का सपना सच होने जा रहा था।
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लता ठाकुर आगे बताती है कि प्रधानमंत्री आवास योजना की पूरी किस्त समय-समय पर मिलने से देखते ही देखते हमारा कच्चा मकान, पक्का मकान बन गया। उनके बच्चे अब आराम से रातों में आसानी से पढ़ाई करने लगे और कच्चे मकान के मरम्म्त करने से छुटकारा भी मिल गया। लता ठाकुर के चेहरे में खुशी है और हसकर कहती है कि निश्चिंत होकर मकान में बिना डरे सुकून की नींद सोते है। और लता ठाकुर सम्मान से जीने लगी। तो अब कहती है, प्रधानमंत्री आवास योजना बना हमारे सपनों का सहारा। विदित हो कि 14 दिसंबर 2023 को मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की अध्यक्षता में आयोजित प्रथम कैबिनेट बैठक में राज्य में प्रधानमंत्री आवास योजा के तहत 18 लाख आवास बनाने का निर्णय लिया गया।