पुलिस सूत्रों की माने तो दीपक वहां नक्सलियों को ट्रेनिंग देने पहुंचा हुआ था। इसकी गिरफ्तारी के बाद जब उसे न्यायालय में पेश किया गया तो कोर्ट जाते वक्त भी वह माओवादी समर्थन नारे लगा रहा था। इसने पूछताछ में बस्तर में सक्रिय रूप से काम करने की बात भी कबूल की है।
इस जानकारी के बाद तमिलनाडू एसटीएफ ने छत्तीसगढ़ पुलिस से इस सबंध में जानकारी मांगी थी। बताया जा रहा है कि छत्तीसगढ़ पुलिस ने भी दीपक को लेकर कंफर्म कर दिया है कि वह बस्तर में माओवादियों को ट्रेनिंग दिया करता था और वह डीकेएसजेडसी का मेंबर हैं।
बताया जा रहा है कि डीकेएसजेडसी का यह सदस्य बस्तर में स्थित नक्सलियों के कैंप में भी मुख्य ट्रेनर के रूप में काम कर चुका है और पुलिस को इसकी लंबे समय से तलाश थी। इसके गिरफ्तारी को पुलिस नक्सलियों के संगठन को बड़े झटके के रूप में देख रही है। वहीं पुलिस का मनोबल भी काफी बढ़ा है। साथ ही छत्तीसगढ़ पुलिस नक्सलियों के टॉप लीडरशिप के नए ठिकानों को लेकर भी समीक्षा में लगी हुई है।