बिजली कटी तो ग्राहकों को मिलेंगे पैसे, अब कंपनियां कटौती से पहले दस बार सोचेंगी
इतना ही नहीं आंख की वजह से महिला का ब्रेन प्रभावित हो रहा था। इस वजह से उसकी जान खतरे में थी। जब इसकी खबर उद्योग एवं आबकारी मंत्री कवासी लखमा तक पहुंची तो उन्होंने पीडि़त महिला की न केवल आंख की रोशनी वापस लाने प्रयास कियाए बल्कि उसकी जान भी बचाई।
आज मंत्री की पहल पर वह महिला फिर से दुनिया देख पा रही है। आपकों बता दें कि सुकमा निवासी एलिसा बेथ पति समियल टुडु सुकमा में नगर पालिका की सामान्य महिला है। करीब साल भर पहले तक वह पूरी तरह स्वस्थ थी।
भाजपा जो काम 15 साल में नहीं कर सकी, उसे कांग्रेस ने सिर्फ आठ महीने में कर दिखाया
लेकिन धीरे धीरे उसकी आंख के सामने अंधेरा छा गया। वह दुनिया देखने से वंचित हो गई। उसे दुनिया की हर चीज बेजार लगने लगी। कुल मिलाकर कहा जाए तो उसकी जिंदगी बेरंग हो गई और उसे दुनिया दुश्वार होने लगी। इतना ही नहीं आंख की जांच कराने पर पता चला कि उसकी आंख की समस्या धीरे धीरे उसके ब्रेन को प्रभावित कर रही हैए जिसकी वजह से उसकी जान जा सकती है।
पूरी नहीं हो पाएगी छत्तीसगढ़ में घोड़ी पर बैठने की हसरत, शासन ने लगाया प्रतिबन्ध
इसकी जानकारी जब जिला पंचायत अध्यक्ष व मंत्री कवासी लखमा के पुत्र हरीश लखमा तक पहुंची। तब उन्होंने अपने मंत्री पिता कवासी लखमा को महिला के संबंध में पूरी जानकारी दी। तब मंत्री के कहने पर पीडि़त महिला को रायपुर स्थित मंत्री के बंगले में भेजा गया।
इन 10 प्वाइंट्स में जानिये दंतेवाड़ा उपचुनाव के लिए कांग्रेस प्रत्याशी देवती कर्मा के बारे में
रायपुर पहुंचने पर मंत्री कवासी लखमा ने पीडि़त महिला का न केवल अच्छे से खातिरदारी कीए बल्कि उसका रायपुर के रामकृष्ण केयर हास्पिटल में इलाज के लिए तीन माह पहले भर्ती कराया। इसी बीच हॉस्पिटल के डॉक्टरों ने बंगलुरू से आंख डोनेट कराया।