बारिश का असर
पिछले 24 घंटों में जोधपुर, भीलवाड़ा, भरतपुर, झुंझुनूं, नागौर, झालावाड़, बूंदी, सवाई माधोपुर, करौली, और धौलपुर समेत कई जिलों में भारी बारिश दर्ज की गई है। झुंझुनूं के पिलानी में 52 मिमी बारिश हुई है। वहीं, जोधपुर में तेज बारिश के बाद त्रिपोलिया बाजार समेत कई जगहों पर सड़कों पर पानी भर गया, जिससे यातायात प्रभावित हुआ। जैसलमेर की करणी कॉलोनी स्थित कच्ची बस्ती में भी पानी घरों में घुस गया, जिससे निवासियों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। बूंदी में घोड़ा पछाड़ नदी के एनीकट पर पानी की चादर चलने से नज़ारा अद्भुत हो गया।
राजस्थान में मानसून की धमक
राजस्थान के 20 जिलों में इस साल मानसून ने जोरदार एंट्री की है। तेज बारिश से प्रदेश के कई इलाकों में जलमग्न हो गए हैं, जिससे जनजीवन प्रभावित हुआ है। धौलपुर और भरतपुर सहित अन्य जिलों में भारी बारिश के कारण सड़कों पर पानी भर गया, जिससे यातायात बाधित हो गया। झुंझुनूं शहर के गांधी चौक और डिपो जैसे स्थानों पर सड़कों पर पानी लबालब भर जाने से वाहनों की आवाजाही में मुश्किलें आईं। मौसम विभाग के अनुसार, राज्य में अगले 10 दिनों तक अच्छी बारिश की संभावना है, जो किसानों और जलाशयों के लिए राहत भरी खबर है। मानसून की इस जोरदार शुरुआत ने जहां एक ओर राहत दी है, वहीं दूसरी ओर संभावित जलभराव की चुनौतियों का सामना करने की तैयारी भी करनी होगी।
बांधों में पानी की आवक
मानसून की बारिश के कारण प्रदेश के सूखे पड़े 15 बांधों में पानी आया है। इनमें सवाई माधोपुर का गलाइ सागर, पाली का हेमावास, बूंदी का गरढ़ा डैम और अजमेर का पुष्कर तालाब प्रमुख हैं। इसके अलावा, कुछ बड़े बांध जैसे जवाहर सागर, छापी बांध और बीसलपुर बांध में भी स्थानीय बारिश से जलस्तर में वृद्धि हुई है। जल संसाधन विभाग की रिपोर्ट के अनुसार, 23 जून तक राज्य के 691 बांधों में से 526 बांध पूरी तरह सूखे थे। वहीं, 161 बांधों में आंशिक पानी था और 4 बांध पूरी तरह भरे हुए थे। मानसून के आगमन के बाद, 28 जून तक सूखे बांधों की संख्या घटकर 511 रह गई, जबकि आंशिक रूप से भरे बांधों की संख्या बढ़कर 176 हो गई।
किसानों और आम जनता में उत्साह
बारिश से न केवल बांधों में जलस्तर बढ़ा है, बल्कि कृषि कार्यों में भी तेजी आई है। खेतों में पानी भरने से किसानों की फसल बुवाई की तैयारियां जोरों पर हैं। विशेष रूप से, धान और मक्का जैसी खरीफ की फसलों के लिए यह समय महत्वपूर्ण है। बारिश से मिट्टी की नमी बढ़ गई है, जिससे फसलों की पैदावार में सुधार होने की उम्मीद है।
संभावित चुनौतियां
हालांकि, लगातार हो रही बारिश से कुछ क्षेत्रों में जलभराव और बाढ़ की स्थिति भी पैदा हो सकती है। विशेष रूप से निचले इलाकों में जलभराव से जनजीवन प्रभावित हो सकता है। प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे सतर्क रहें और जरूरी सावधानियां बरतें। कुल मिलाकर, राजस्थान में मानसून की अच्छी शुरुआत ने न केवल प्रदेश की जल संकट की स्थिति को कुछ हद तक कम किया है, बल्कि किसानों और आम जनता के चेहरे पर भी मुस्कान बिखेर दी है। आने वाले दिनों में भी यदि बारिश का यह क्रम जारी रहता है, तो यह प्रदेश के लिए एक सुखद संकेत होगा। इस मानसून से उम्मीदें बंधी हैं कि राजस्थान के जलाशयों में पर्याप्त जलस्तर बनेगा और कृषि क्षेत्र में समृद्धि आएगी।