इस मोहल्ले के कई युवकों ने थाने में आकर यह आेलमा दिया कि पिछले एक सप्ताह से लगातार इस लापता युवक के बारे में सुराग लाने और धमकी देने वाले लोगों को गिरफ्तार करने की मांग करने लगे। थाने में मौके पर डयूटी पर तैनात पुलिस कर्मियों ने जब रटरटाया जवाब दिया कि अभी शव का पोस्टमार्टम होगा तब देखेंगे कि यह मामला बनता भी है या नहीं, यह सुनकर आक्रोशित युवकों ने थाने के बाहर आकर शोर मचाया फिर थान के पास एक निर्माणाधीन मकान के बाहर पड़ी ईटों को लेकर हमला बोल दिया।
थाने के बाहर जो भी वाहन दिखा उस पर पत्थरबाजी शुरू कर दी। फिर इस गुस्साई भीड़ ने थाने के अंदर जाकर पहले काउण्टर को निशाना बनाया, इस काउण्टर थाने के मेन गेट पर है। इसी काउण्टर के सामने सीआई शकील अहमद के चैम्बर में घुसकर शीशे तोड़ डाले। गेट से लेकर कैम्पस में लगी दीवार घड़ी को भी नहीं छोड़ा।
इसलिए उपजा यह विवाद वार्ड ४४ कबीर चौक निवासी उन्नीस वर्षीय आकाश इंदौरा पुत्र सुखलाल धानक अपने घर से चंद कदम दूर जेके जागृति स्कूल में दसवीं में पढ़ता था। उसने अपनी स्कूल की एक शिक्षिका के मोबाइल पर मैसेज भेजने लगा। जब इस टीचर के देवर ने उसे एेसे मैसेज करने से रोका तो वह नहीं माना। इस बीच आकाश जब १९ फरवरी को गुरुनानक बस्ती के गड्ढे के पास शौच क्रिया करने का कहकर सुबह छह बजे घर से रवाना हुआ था।
पैदल गए इस यह युवक एकाएक लापता हो गया। इसी दिन शाम को जवाहरनगर थाने में परिजनों ने गुमशुदी रिपोर्ट भी दर्ज कराई। परिजनों और पड़ौसियों के अलावा धानक समाज के मौजिज लोगों ने जवाहरनगर थाने के सीआई शकील अहमद से गुहार लगाई कि लापता आकाश के मोबाइल फोन पर आए मैसेज और कॉल की डिटेल निकालकर जांच की जाएं।
इस पर जांच अधिकारी एएसआई दिनेश मीणा ने अपने अनुसंधान में आई कॉल के आधार पर तीन जनों से पूछताछ भी की थी लेकिन सुराग नहीं मिला। लेकिन सोमवार सुबह जैसे ही लापता आकाश का शव मिला तो पूरे मोहल्ले के युवक भडक़ गए और उन्होंने अपना आक्रोश जवाहरनगर थाने पर पत्थरबाजी से बयां कर दिया।