जाट ने कहा कि किसानों को बिना किसी आर्थिक नुकसान के अपनी कमाई करने का अवसर मिलेगा। इसमें आपातकालीन परिस्थितियों को छोड़कर किसी भी यातायात का उपयोग नहीं किया जाएगा। गांव के लोगों को किसी उत्पाद की खरीदारी के लिए गांव में आकर खरीदने की सुविधा मिलेगी, जिससे उन्हें शुद्ध और गुणवत्तापूर्ण उत्पाद प्राप्त होगा।
20 जिलों में किया जनसंपर्क
यह आंदोलन स्वेच्छा पर आधारित होगा, जिसमें सत्य, शांति और अहिंसा का पालन करना अनिवार्य होगा। जाट ने बताया कि गांव बंद का यह प्रयोग किसानों की आर्थिक स्थिति को मजबूती प्रदान करेगा। जन जागरण अभियान के पहले चरण में भीलवाड़ा, चित्तौडगढ़, उदयपुर, जोधपुर सहित 20 जिलों में संपर्क किया गया है। दूसरे चरण में 18 जिलों में कार्यक्रम को आगे बढ़ाया जाएगा। खेत को पानी-फसल को दाम
महापंचायत के युवा प्रदेशाध्यक्ष रामेश्वर प्रसाद चौधरी और प्रदेश मंत्री बत्ती लाल बैरवा की नेतृत्व में यह अभियान चल रहा है। आंदोलन का मुख्य उद्देश्य है खेत को पानी-फसल को दाम। इसके तहत किसान अपनी समस्याओं को लेकर एकजुट हो रहे हैं।