मेडिकल बोर्ड सदस्यों ने इस पोस्टमार्टम रिपोर्ट में खुलासा कि जॉर्डन को गोलियों से छलनी कर दिया गया था। मेडिकल बोर्ड में डॉ. गिरधारीलाल, डॉ. सुखपाल सिंह बराड़ और डॉ. आशीष छाबड़ा शामिल थे।
Jordan murder case :
तीन हमलावर के हाथ में थे पांच पिस्तौल, देखे वीडियो मेडिकल ज्यूरिस्ट डॉ. गिरधारीलाल ने बताया कि पोस्टमार्टम के दौरान जॉर्डन के सिर पर पीछे की ओर एक गोली और पेट के दांयी ओर एक गोली कुल दो गोलियां फंसी हुई थी, को निकाला गया। इन गोलियों को जांच एजेंसी के सुपुर्द किया गया है।
उन्होंने बताया कि जॉर्डन के शरीर पर गोलियां इतनी थी कि पूरा शरीर ही छलनी हो गया था। इसमें जॉर्डन के सीने पर छह, दोनों हाथों पर चार, सिर पर तीन, पेट में तीन कुल 16 गोलियां दागी गई थी।
इससे पहले चिकित्सालय परिसर में जॉर्डन के शव पर एक्स रे किया गया, चिकित्सकों का कहना था कि एक्स रे से यह पता चल सका कि गोलियां किस किस अंग में फंसी हुई है। इन फंसी गोलियों को निकालने में आसानी रही।
Jordan murder case:
ट्रेनर की कनपटी पर पिस्तौल लगवाकर खुलवाया दरवाजा और कर दिया हिस्ट्रीशीटर पुलिस पहरे में चार घंटे चला पोस्टमार्टम राजकीय जिला चिकित्सालय में पोस्टमार्टम की कार्रवाई के लिए करीब चार घंटे का समय लगा। बुधवार दोपहर 12 बजे पुलिस प्रशासन ने जब यह मामला एसओजी के सुपुर्द करने और एसओजी के एडशिनल एसपी संजीव भटनागर के आने के बाद ही मृतक जॉर्डन के परिजन पोस्टमार्टम को तैयार हा गए।
इससे पहले पुलिस प्रशासन ने जॉर्डन के परिजनों और परिचितों को बुलाकर पोस्टमार्टम कराने के लिए आग्रह किया लेकिन वे नहीं माने। दोपहर बाद एकाएक घटनाक्रम बदल गया। चिकित्सालय के मोर्चरी रूम के बाहर एडिशनल एसपी सुरेन्द्र सिंह, सीओ सिटी तुलसीदास पुरोहित, जवाहरनगर थानाधिकारी प्रशांत कौशिक, महिला थानाधिकारी नरेन्द्र पूनियां, सदर थानाधिकारी कुलदीप वालिया, पुरानी आबादी थानाधिकारी आनंद के अलावा कई पुलिस अधिकारी मौजूद थे।
जॉर्डन की हत्या के बाद विवाद होने की आंशका पर पुलिस प्रशासन ने पुलिस लाइन से जाब्ता भी मंगवाया हुआ था।