गजट उपलब्ध नहीं करवाना है बड़ी वजह
सूरतगढ़ कन्हैयालाल सोनगरा ने कहा नेशनल हाईवे संख्या-62 सूरतगढ़ से
बीकानेर के बीच क्षेत्र में लगभग 40 किमी भाग राजस्व रिकॉर्ड में दर्ज नहीं होने की बात सामने आई है। इसका कारण सार्वजनिक निर्माण विभाग एनएच की तरफ से गजट उपलब्ध नहीं करवाना बताया गया है। इस संबंध में अधिकारियों को संबंधित विभाग से गजट लेकर हाईवे को रिकॉर्ड में दर्ज करने के निर्देश दिए हैं।
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तहसीलदार सूरतगढ़ हाबूलाल मीणा ने कहा नेशनल हाईवे का सूरतगढ़ से अर्जुनसर तक का भाग राजस्व रिकॉर्ड में अंकित नहीं है। हालांकि कुछ स्थानों पर हाईवे दर्ज भी है। इसका मुख्य कारण चक प्लान का धरातलीय स्थिति से मैच नहीं होना है। साथ ही पीडब्ल्यूडी एनएच ने भी गजट प्रस्तुत कर हाईवे को दर्ज नहीं करवाया है।
पहले NH-15 नाम से जाना जाता था
1986 में बने इस नेशनल हाईवे को पूर्व में एनएच-15 के नाम से जाना जाता था। गुजरात के कांडला से पंजाब के अमृतसर तक बना यह हाईवे देश के सबसे बड़े हाईवे में भी शामिल था। इसमे एनएच 65 और 14 का भी कुछ भाग शामिल था। लेकिन सूरतगढ़ क्षेत्र में उपनिवेशन विभाग के आधे अधूरे रिकॉर्ड तथा राजस्व विभाग की ओर से खसरों की चकबंदी व तरमीम के अभाव में राजस्व विभाग ने इसे रिकॉर्ड में अंकित करने में रुचि नहीं दिखाई। हालांकि तब केंद्र की ओर से इसका गजट नोटिफिकेशन भी निकाला गया था। जिसके आधार पर नेशनल हाईवे को रिकॉर्ड में अंकित किया जा सकता था।