जिला मुख्यालय पर में शुक्रवार को हुई मूसलाधार बारिश से पूरी तरह से जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया। बारिश से पूरे शहर में पानी भर गया और तीन संवेदनशील सहित 11 स्थानों पर सेना के जवानों ने मोर्चा संभाला। सेना ने शहर में दस-दस हॉर्स पावर की 25 मोटरें लगाकर जल निकासी की। इसके बाद हालात सामान्य होने लगे। लेकिन शनिवार को फिर बारिश होने से लोगों के सामने मुश्किलें बढ़ गई हैं।
वहीं जैतसर कस्बे में दोपहर बाद जोरदार बारिश हुई। जिससे कस्बा जलमग्न हो गया। उपतहसील परिसर, पुलिस थाना भवन, ग्राम पंचायत कार्यालय, जल संसाधन विभाग कार्यालय की सडकों पर पानी भर गया। निचले इलाकों में हालात और भी विकट है। सूरतगढ़ क्षेत्र में आधे घंटे हुई बारिश से शहर की सड़कें बरसाती पानी से लबालब भर गई। बाजार में भी सड़क के लेवल वाली दुकानों में पानी घुस गया। दुकानदार पानी बाहर निकालने में जुटे रहे। नई धानमंडी में भी सड़कों पर बरसाती पानी जमा हो गया। श्रीबिजयनगर में 20 मिनट हुई बरसात से सड़कों पर पानी भर गया।
श्रीगंगानगर में बारिश ने तोड़े रेकॉर्ड, कोटा बैराज व कालीसिंध बांध के गेट खोले
44 साल पुराना रेकॉर्ड ध्वस्त
गुरुवार को मौसम विभाग ने श्रीगंगानगर मौसम वेधशाला पर 224 मिमी बारिश दर्ज की थी। वहीं, श्रीगंगानगर तहसील पर 260 मिमी बारिश दर्ज की गई। विभाग के अनुसार श्रीगंगानगर वेधशाला पर जुलाई माह में एक दिन में सर्वाधिक 107.7 मिमी बारिश 18 जुलाई, 1978 को दर्ज की गई थी। इस वर्ष बारिश ने 44 साल का यह रेकॉर्ड तोड़ दिया।