श्रीगंगानगर.नेशनल क्वालिटी एश्योरेंस स्टेंडर्ड सर्टिफिकेट के लिए राज्य की टीम ने दस अस्पतालों में इस बार श्रीगंगानगर और सीकर के जिला चिकित्सालय का चयन किया है। अब इसके लिए दिल्ली से नेशनल स्तर की टीम आएगी। इस टीम से पूर्व गुरुवार को राजकीय जिला चिकित्सालय में राज्य स्तरीय सलाकार खुशबू जैन व डॉ.हरीश कौशिक की टीम आई। टीम ने चिकित्सालय के एक-एक वार्ड का बारीकी से निरीक्षण किया। गुणवत्ता आश्वासन कार्यक्रम (एनक्यूएएस)के निर्धारित मापदंडों के अनुसार जहां-जहां चिकित्सालय में कमियां पाई गई,इसके बारे में चिकित्सालय प्रबंधन को अवगत करवाया गया।
टीम ने प्रमुख चिकित्सा अधिकारी डॉ.बलदेव सिंह चौहान,उप नियंत्रक डॉ.प्रेम बजाज,अतिरिक्त मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी परिवार कल्याण डॉ.मुकेश मेहता,हेल्थ मैनेजर सविंद्र सिंह,डॉ.देवेंद्र ग्रोवर,चंद्रकला गर्ग,नर्सिंग अधीक्षक सतपाल लकेशर व जैतकंवर गोयल,डॉ.राजेश शर्मा,डॉ.मुकेश स्वामी सहित अन्य डॉक्टर्स व नर्सिंग स्टाफ से नेशनल क्वालिटी एश्योरेंस स्टेंडर्ड सर्टिफिकेट के मापदंडों पर विस्तृत चर्चा की गई।
गौरतलब है कि अस्पताल में उपचार के लिए आने वाले मरीजों को बेहतर एवं गुणवत्तापूर्ण सेवाएं,सुविधाएं और साफ-सफाई मुहैया करवाई जानी है। इन तमाम प्रयासों की बदौलत राजकीय जिला चिकित्सालय को नेशनल क्वालिटी एश्योरेंस स्टेंडर्ड सर्टिफिकेट (एनक्यूएएस)मिलने की उम्मीद की जा सकती है। जिसके बाद चिकित्सालय को स्पेशल फंड मिलेगा। इसका इस्तेमाल मरीजों को उच्च स्तरीय चिकित्सा सेवाएं उपलब्ध करवाने पर खर्च किया जाएगा। वहीं,जनवरी 2021 में कायाकल्प की जयपुर से टीम आई थी। हालांकि राजकीय जिला चिकित्सालय श्रीगंगानगर कायाकल्प में प्रथम आवार्ड जीत चुका है।
अच्छी व्यवस्था की वजह से हुआ राज्य स्तर पर चयन टीम ने चिकित्सालय के एमसीएच यूनिट,एसएनसीयू,लेबर रूम,ऑपरेशन थियेटर,ब्लड बैंक,फायर फाइटिंग सिस्टम,जीरियट्रिक वार्ड,रिकॉर्ड रूम सहित अन्य वार्डों आदि में व्यवस्था की बारीकी से जांच की थी। विभागीय मापदंडों पर जिला अस्पताल खरा उतरा। इस पर टीम ने अस्पताल को 80 प्रतिशत अंक दिए। अब नेशनल क्वालिटी एश्योरेंस स्टेंडर्ड सर्टिफिकेट मिलने की अब उम्मीद जगी है।
प्राइवेट अस्पताल की तर्ज पर किया सुधार आई वार्ड में सप्ताह में दो शिविर लगाकर बेहतर सर्जरी करना,प्राइवेट अस्पताल की तर्ज पर सरकारी अस्पताल में पहले की तुलना में काफी सुधार किया गया है। साफ-सफाई,सर्विस,ब्लड बैंक,दवा व उपचार आदि में बहुत सुधार हुआ है और चिकित्सालय में शौचालयों की नियमित साफ-सफाई,मेडिकल बायोवेस्ट का एक-एक वार्ड में विभाग की गाइड लाइन के अनुसार निस्तारण किया गया है।
सर्टिफिकेट पर मिलेगी प्रति वर्ष 40 लाख रुपए की राशि नेशनल क्वालिटी एश्योरेंस स्टेंडर्ड सर्टिफिकेट मिलने पर जिला चिकित्सालय को प्रति वर्ष 40-40 लाख रुपए की राशि मिलेगी। यह राशि चिकित्सालय में सुविधाएं बढ़ाने पर खर्च की जाएगी। चिकित्सालय में 400 बैड है और प्रति बैड दस हजार रुपए की राशि का प्रावधान है। तीन वर्ष तक यह राशि दी जाएगी। उल्लेखनीय है कि नेशनल क्वालिटी एश्योरेंस स्टेंडर्ड सर्टिफिकेट प्रदेश में 2017 में राजसमंद,2018 में झुंझनू व चितौडगढ़़ व 2019 में हनुमानगढ़ जिले को मिल चुका है।
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नेशनल क्वालिटी एश्योरेंस स्टेंडर्ड सर्टिफिकेट के लिए राज्य स्तर पर श्रीगंगानगर व सीकर का चयन हो रखा है। अब इस सर्टिफिकेट के लिए नेशनल स्तर से जल्द टीम आएगी। इस टीम के आने से पहले आज राज्य स्तर से टीम आई है। चिकित्सालय का बारीकी से निरीक्षण किया है और जहां कहीं पर कमियां मिली है। इससे सुधार करने और कागजी कार्रवाई पूर्ण करने के लिए निर्देशित किया है।
डॉ.बलदेव सिंह चौहान,पीएमओ,राजकीय जिला चिकित्सालय,श्रीगंगानगर।