सिटी थानाधिकारी रामकुमार लेघा ने बताया कि राजपुरा पीपेरन निवासी फतेह सिंह बावरी परिवार सहित राजपुरा पीपेरन रोही में कई दिन से नरमा चुगाई के लिए आया हुआ है। 31 अक्टूबर रात करीब आठ बजे फतेहसिंह का ***** मेहरचंद पुत्र रंजीतराम बावरी शराब पीकर आया और झगड़ा करने लगा। इस दौरान उसने लाठी से अपनी भानजी शीतल के सिर में वार कर दिया। इससे वह बुरी तरह घायल हो गई।
परिजन उसे राजकीय चिकित्सालय लेकर पहुंचे। यहां से श्रीगंगानगर रेफर कर दिया गया। श्रीगंगानगर में चिकित्सकों ने गंभीर हालत देखते हुए बीकानेर रेफर कर दिया। मंगलवार शाम करीब सात बजे वे बच्ची को बीकानेर ले जाने के लिए सूरतगढ़ रेलवे स्टेशन पहुंचे तो उसकी मौत हो गई। इसके बाद वह शव का घर ले गया। सूचना बुधवार को पुलिस ने मौका-मुआयना किया। वहीं शव को राजकीय चिकित्सलय की मोर्चरी में रखवाया गया है।
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जमीन में बच्ची का शव, चारपाई के झुलने में डेढ़ माह का बच्चा
राजपुरा पीपेरन में दो साल की बच्ची का शव रखे होने की सूचना मिलने पर सिटी पुलिस मौक पर पहुंची तो सड़क किनारे मिट्टी के टिब्बे पर एक कच्चे मकान के बाहर कीकर के पेड़ के नीचे जमीन पर दो वर्षीय बच्ची शीतल का शव कपड़ों में ढ़का हुआ मिला तथा पास में एक चारपाई के पाए पर कपड़े के बनाए झुले में फतेह सिंह के डेढ़ माह के पुत्र जगदीश सो रहा था। दोनों बच्चों के बीच उनकी मां गुलशन बावरी बैठी थी।
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पुलिस ने जब शव को राजकीय चिकित्सालय की मोर्चरी में पोस्टमार्टम करवाने की बात कही तो रूंधे गले से गुलशन ने शव को कही नहीं लेने जाने की बात कही तथा कहा कि वो अपनी मृतक बच्ची व जिंदा बच्चों के साथ लम्बे समय से बैठी है। पुलिस की समझाइश के बाद वह स्वयं बच्चों व पति के साथ राजकीय चिकित्सालय पिकअप डाला में पहुंची।