श्रीगंगानगर इलाके में तो मामा भांजा की सरकार चल रही है। इलाके के विधायक और उनके भांजे पर व्यंग्स कसते हुए कहा कि मामा भांजे का रिश्ता बदनाम भी है। जेल में बैठे गैंगस्टर के फोन से लोगों को धमकाया जा रहा है।
रंगदारी के इस खेल में पुलिस प्रशासन मूकदर्शक बना हुआ है। गुरुवार रात पेट्रोल पंप संचालक पर फायर की घटना का जिक्र करते हुए उन्होंने इलाके में बढ़ते अपराधिक गतिविधियों पर लगाम कसने की बजाय पुलिस प्रशासन नाकाम हो रहा है।
भाजपा के एससी मोर्चा के प्रदेशाध्यक्ष कैलाश मेघवाल पर हुए हमले को शर्मनाक बताया। उन्होंने किसान आंदोलन के नाम पर नौटंकी करने वालों को कांगे्रस की बी टीम बताते हुए कांग्रेस से अब धर्मयुद्धा लड़ा जाएगा। राठौड़ ने आरपीएससी की ओर से आरएएस भर्ती में शिक्षा मंत्री डोटासरा पर भी बाण चलाए।
उन्हेांने एक व्यंग्य पढ़कर सुनाया भी। उन्होंने कहा कि इन दिनों श्रावण माह चल रहा है, युवतियां शिवजी की अराधना करते हुए अब उम्मीद कर रही है कि वर चाहे कैसा भी मिले लेकिन ससुर डोटासरा जैसा हो।
यह सुनकर पूरे पंडाल ने तालिया बजाई। इस दौरान उन्होंने नगर परिषद में सभापति की ओर से भ्रष्टाचार का मुद्दा उठाने पर चुटकी ली। उनका कहना था कि इस राज में बिन पैसे कोई काम नहीं रहा है।
उन्होंने गहलोत और पायलट विवाद पर कहा कि कांग्रेस के अन्र्तविरोध का खमियाजा पूरे प्रदेश को भुगतना पड़ रहा है।
कांग्रेस हाइकमान के दो दूत अजय माकन और वेणु गोपालन बार बार दोनों खेमों से समझाइश करने के लिए कोई आ रहा है तो कोई जा रहा है। मुख्यमंत्री ने मंत्रिमंडल विस्तार करने की हिम्मत नहीं हे।
यही वजह है कि सीएम के खुद के पास सौलह विभागों का चार्ज है। केन्द्र सरकार की ओर से किए जाने वाले भुगतान को खर्च नहीं किया जा रहा है। पूरे प्रदेश में बिजली महंगी कर दी गई है। उन्होंने पूर्व विधायक हेतराम बेनीवाल के बयान को आड़े हाथों लिया।
बेनीवाल ने पदमपुर की घटना पर अभी तो टे्रलर है पिक्चर अभी बाकी है, पर राठौड़ का कहना था कि वामपंथी दल की पश्चिम बंगाल में ३४ साल तक सरकार रही लेकिन इस विधानसभा में जीरो पर आऊट हो गए जबकि भाजपा की तीन से 72 सीटें आई है।
इस दौरान नोखा के विधायक बिहारी लाल बिश्नोई ने कहा कि नहरी मंत्री कौन है यह तो कोई बताएं। उन्होंने बताया कि सिंचाई मंत्री का चार्ज खुद सीएम के पास है। ढाई साल में एक बार भी सीएम सिंचाई मंत्री के रूप में नहरों का निरीक्षण करने तक नहीं गए है।
यहां तक कि सिंचाई संबंधित योजनाओं के संबंध में एक भी मीटिंग नहीं की है। इलाके के किसान सिंचाई पानी के लिए तरस रहे है लेकिन सिंचाई मंत्री होने के नाम सीएम ने कभी भी प्रयास तक नहीं किया।
किसान आंदोलन करने वालों को उन्होंने चुनौती देते हुए कहा कि भाजपा ने यह धरना आयोजित कर लिया है। कहां गए वे लोग जो कार्यक्रम आयोजित नहीं होने का दावा कर रहे थे। पूर्व सिंचाई मंत्री डा. रामप्रताप ने कहा कि कांग्रेस के बीस साल में सिंचाई मंत्रियों ने क्या क्या काम किए है जबकि मेरे राज में पक्के खाळे और नहरों का सुदृढ़ीकरण का काम आज भी मुंह बोलता है।
उन्होंने फिरोजपुर फीडर के लिए बजट होने के बावजूद डीपीआर नहीं बनाने पर गहलोत सरकार को जमकर कोसा। वहीं पूर्व मंत्री सुरेन्द्रपालसिंह टीटी ने श्रमिकों के कल्याण की योजनाओं को बंद करने का आरोप लगाया। सांसद निहालचंद का कहना था कि दो लाख पन्द्रह हजार क्यूसेक पानी को पंजाब ने पाकिस्तान भेज दिया जबकि यह पानी स्टोरेज रखा जाना चाहिए था।
इस सभा में सूरतगढ़ विधायक रामप्रताप कासनियां, अनूपगढ़ विधायक संतोष बावरी, रायङ्क्षसंहनगर विधायक बलवीर लूथरा, जिलाध्यक्ष आत्माराम तरड़ के अलावा सूरतगढ़ से पूर्व विधायक राजेन्द्र भादू, रायसिंहनगर से पूर्व विधायक लालचंद, सादुलशहर से पूर्व पालिकाध्यक्ष प्रदीप खीचड़, डा.़बृजमोहन सहारण, श्रीकरणपुर से जसकरण सरां, पूर्व जिला परिषद सदस्य बलराम मेघवाल, महिला मोर्चा जिलाध्यक्ष चेष्ठा सरदाना, जुगल डूमरा, राजकुमार सोनी, रतन गणेशगढि़या, प्रदीप धेरड़, श्रीविजयनगर से सुनीता छाबड़ा, रमा दीक्षित, बबीता गौड़, सोनू पटीर, आदि मौजूद थे।