जानकारी अनुसार करीब एक माह से एच नहर पाटकर धरना लगाकर बैठे किसानों की सुनवाई नहीं होने पर गांव नग्गी के किसानों का सब्र टूटा और करीब 65-70 किसान गुरुवार सुबह एक बस व दो जीपों पर रवाना होकर जिला कलक्टर कार्यालय पहुंचे। वहां विरोध प्रदर्शन के बाद एडीएम रीना छिम्पा ने उनसे बातचीत की। इस दौरान जिला कलक्टर डॉ.मंजू के पहुंचने पर किसानों ने उन्हें अपना दर्द बताया। समीर सहू, प्रमोद कुमार, संदीप शर्मा, समीर भुंवाल, अक्षय सहू, महेंद्र भुंवाल, साहबराम तरड़, रघुवीर बाना, विश्वजीत झोरड़, अभिषेक भुंवाल, चिमनलाल सहू, दयाराम झोरड़, कलावती देवी, कौशल्या देवी, शकुंतला देवी आदि ने कलक्टर को बताया कि एच नहर की टेलों पर पूरे पानी की मांग को लेकर वे चार नवंबर से धरने पर बैठे हैं। इस दौरान शुरूआत में एक सप्ताह तक उपखंड प्रशासन व जल संसाधन विभाग के अधिकारी यहां आए लेकिन बात सिरे नहीं चढ़ी। इसके बाद 17 नवंबर को किसानों ने जयपुर जाकर सिंचाई मंत्री सुरेश रावत व विभाग के चीफ इंजीनियर अमरजीत मेहरड़ा को भी मामले से अवगत कराया तो समस्या हल करने संबंधी आश्वासन दिए लेकिन अभी तक मामले में ठोस कार्रवाई नजर नहीं आ रही। इससे किसानों में रोष व्याप्त है। मामले में कलक्टर ने तभी सिंचाई विभाग के अधीक्षण अभियंता धीरज चावल को मौके पर बुलाकर समस्या समाधान के निर्देश दिए लेकिन किसानों का कहना था धरातल पर काम होने व टेल पर 12 हिस्से पानी मिलने पर ही आंदोलन समाप्त किया जाएगा। मौके पर श्योपतराम डूडी, कृष्णलाल भुंवाल, निशांत झोरड़, पवन बाना, अनिल बाना, रानी देवी, चंद्रमुखी, नीलम रानी, सुनीता रानी, इंद्रा देवी सहित अन्य लोग भी मौजूद थे।
किसानों को आपस में ना लड़ाए
किसानों ने कलक्टर को बताया कि क्षतिपूर्ति के नाम पर नहर में पानी छोडक़र विभाग किसानों को लड़ाने का प्रयास कर रहा है। यह अनुचित है और इसे तुरंत रोका जाए। किसानों ने लंबे समय से तय मात्रा से अधिक पानी लेने वाले मोघों को दुरुस्त करने, वर्ष 2020 व वर्ष 2024 में हुए हाईड्रोलिक सर्वे की रिपोर्ट किसानों को सौंपने, सर्वे के मुताबिक टेल पर पानी पूरा करने, पुलों के नीचे लगी ठोकर हटाने व कई जगह नहर का बेड ऊंचा होने संबंधी समस्याओं को हल करने की मांग की।