दो साल पहले बनाया था पहला टैटू
भानुशाली ने बताया कि करीब दो साल पहले विराट कोहली उनके पास आए थे और उनसे पहला टैटू बनवाया था। भानुशाली ने कहा, विराट ने मुझसे संपर्क किया था। वे फोन में टैटू की कुछ तस्वीरें लेकर आए थे। कोहली ने मुझे बताया कि वे दो साल से मेरे काम पर नजर रखे हुए थे। वे मुझसे एक टैटू बनवाना चाहते थे। लेकिन उनके बिजी शेड्यूल के कारण ये काम नहीं हो सका। पिछले महीने उन्होंने मुझे फिर फोन किया और एक पुराने टैटू के ऊपर एक कवर-अप टैटू बनवाने का अनुरोध किया।
जीवन के सभी स्रोत को दर्शाने वाला टैटू
भानुशाली ने कहा, कोहली एक नया टैटू बनवाना चाहते थे जो उनकी आध्यात्मिकता से जुड़ा हो। कुछ ऐसा जो सभी चीजों के अंतर्संबंध और स्वयं निर्माण के स्रोत का प्रतिनिधित्व करे, कुछ ऐसा जो उच्चता और एकता, जीवन की संरचना, सभी के स्रोत को दर्शाता हो। इसके बाद मैंने कई दिन तक उस टैटू का डिजाइन तैयार किया। मैंने जब विराट को डिजाइन दिखाया तो उन्हें काफी पसंद आया।
दो सत्र और 12 घंटे में बना
उन्होंने कहा, ये टैटू दो सत्र में बना। पहला सत्र मुंबई स्टूडियो के लिए निर्धारित किया गया था, जहां कोहली ने टैटू बनवाने में छह घंटे बिताए। आठ घंटे का दूसरा सत्र बेंगलूरु के एक स्टूडियो में हुआ। आखिरकार, 12 घंटे से अधिक समय बाद जब टैटू पूरा हुआ तो उसे देखकर विराट आश्चर्यचकित रह गए थे।
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शरीर पर पहले से 11 टैटू, हर एक की अलग खास पहचान
1) गॉड आई, बाएं कंधे पर
विराट इसे ईश्वर की आंख कहते हैं, जो हर चीज देखने में सक्षम है। जो आपको सही रास्ता दिखाती है।
2) जापानी समुराई, बाएं हांथ के ऊपर
ये जापानी योद्दा कहलाए जाते हैं। विराट इसे ताकत का प्रतीक मानते हैं।
3) 175, बाएं हाथ के ऊपर
ये कोहली की वनडे कैप का नंबर है।
4) 269, बाएं हाथ पर
ये कोहली की टेस्ट कैप का नंबर है।
5) सरोज, बाएं हाथ के ऊपर
ये कोहली की माता का नाम है।
6) प्रेम, बाएं हाथ पर
ये विराट के पिता का नाम है।
7) भगवान शिव, बाएं हाथ पर
माउंट एवरेस्ट पर साधना में लीन भगवान शिव की तस्वीर।
8) मोनेस्ट्री, बाएं कंधे के पास
मोनेस्ट्री उन मठों को कहते हैं, जहां बौद्ध धर्म को मानने वाले साधना करते हैं।
9) स्कॉर्पियो, दाएं हाथ के ऊपर
स्कॉपियो (वृश्चिक), यह विराट की राशि का चिन्ह है।
10) ओम, बाएं कंधे के ऊपर
ओम का चिन्ह हिंदू धर्म में सर्वश्रेष्ठ माना जाता है। इसके उच्चारण से व्यक्ति ईश्वर का ध्यान करता है।
11) ट्राइवल, दाईं कलाई पर
ट्राइवल को हिंदी में जनजाति कहते हैं, और ये लोग आज भी जगंलों में रहते हैं।