दोनों समस्याओं की निराकरण करने के लिए गांव के सभी लोगों ने जन सहयोग से गोशाला खोलने का निर्णय लिया। अब गोशाला में निराश्रित 65 गायों की देखभाल की जा रही है। गोशाला शुरू होने के पहले दिन 5 लाख का जन सहयोग प्राप्त हुआ, जो छह माह में 15 लाख पहुंच गया है, अभी भी ग्रामीणों का जन सहयोग लगातार मिल रहा है। गायों के लिए टीन शेड पानी की व्यवस्था चारे की व्यवस्था की गई है।
निस्वार्थ सेवा करते हैं ग्रामीण
राधा कृष्ण गोशाला के अध्यक्ष धन्ना लाल मीणा ने बताया ग्रामीण गोशाला पहुंचकर गायों की देखरेख सुबह-शाम करते हैं। सेवानिवृत्ति अध्यापक घनश्याम के द्वारा 2 लाख रुपए बोरिंग व पानी की खेळ के लिए एक लाख रुपए, नारायण व्यास व मुकेश गोस्वामी अध्यापक सहित 19 व्यक्तियों के द्वारा 51-51 हजार रुपए गोशाला के लिए दान किए हैं।
गोशाला में श्याम पांचाल के द्वारा जनरेटर, इकबाल सिंह के द्वारा हरे चारे की कुट्टी करने की मशीन, कौशल श्रृंगी के द्वारा चारा लाने ले जाने के लिए बैलगाड़ी, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के द्वारा गायों के लिए टीन शेड दान किए हैं। 10 बीघा जमीन गायों के खुले घूमने के लिए है और भूसा भरने के लिए बड़ा गोदाम है, जिसमें 80 ट्रॉली चारा भर जाता है।पशु चिकित्सा की टीम के द्वारा प्रत्येक सप्ताह सभी गायों का चेकअप किया जाता है। गौशाला की देखभाल के लिए दो कर्मचारी 2 लाख रुपए सालाना में लगा रखे हैं। गोशाला की देखने के लिए 11 लोगों की कमेटी बनी हुई है।
कलक्टर को भेजा प्रस्ताव
गोशाला की जमीन के125 खातेदार है, जिसमें से 80 खातेदारों ने गांव में गोशाला खोलने के लिए गोशाला के अध्यक्ष को सहमति पत्र लिखित में दे दिया है। अभी तक सरकार की ओर से किसी प्रकार की कोई सहायता गोशाला के लिए प्राप्त नहीं हुई है। रजिस्ट्रेशन के लिए इसकी फाइल जिला कलक्टर के पास भेजी गई है। अभी यह जमीन गोशाला के नाम नहीं है। ग्रामीणों के द्वारा आपसी सहमति से 80 खातेदारों ने अपनी जमीन गोशाला के लिए सहमति पत्र अध्यक्ष को दे दिया है।