जारी रहेगा अहिंसात्मक विरोध
ओबरा इंटर कालेज को निजी हाथों में देने के प्रस्ताव से हम सब और हमारा संगठन अहिंसात्मक विरोधकर रहा है। जब कभी भी कोई परियोजना लगाई जाती है तो बड़े-बड़े दावे किए जाते हैं कि शिक्षा, चिकित्सा, शुद्ध पेयजल, पर्यावरण संरक्षण आदि के काम होंगे पर यहां पूर्व से चल रही शिक्षा व्यवस्था को निजी हाथों में दे दिया गया है। मांगों के बारे में आनंद ने कहा कि ओबरा इंटर कालेज ओबरा को उत्पादन निगम या सार्वजनिक या प्रांतिकरण या राजकीय क्षेत्र में संचालित किया जाए।
कारपोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी का धन उसी मद में ओबरा और निकट व्यय किया जाए। गैर जिलों में न भेजा जाए। डीएबी या उसके जैसा किसी अन्य संस्थान को न दिया जाए, जिसमें गरीब बच्चों की पढ़ाई न हो सके। कारपोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी के धन को ओबरा इंटर कालेज और स्थानीय विद्यालय को देकर पूर्व की भांति न्यूनतम शुल्क पर ही पढ़ाई की जाए। कारपोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी के धन की जांच कराई जाए। धरना का अजय यादव, सुजीत कुमार चौबे, युवराज, श्याम सुंदर, आकाश यादव, प्रियांशु तिवारी, अंश कुमार पनिका, अर्जुन साहनी, रितेश कुमार, रोहित मौर्या, अभिषेक मिश्र, रवींद्र कुमार चौबे आदि ने नेतृत्व किया।