दावे हुए फेल
शहर में बिजली, पानी और गृहकर के रूप में टैक्स चुकाने के बाद भी लोगों को पीने का पानी मयस्सर नहीं हो रहा है। नाममात्र की सप्लाई आने के कारण औसतन दूसरे दिन पानी का टैंकर मंगवाना पड़ रहा है। वहीं कई लोग पानी की आस में रात के समय भी नलों की ओर ताकते रहते हैं। उस पर तुर्रा ये कि जिम्मेदारों ने अपने फोन तक बंद रखने शुरू कर दिए। जिससे शहर के लोग अपनी समस्या तक किसी को नहीं बता पाते हैं।
इस कारण पेयजल संकट
लोगों का कहना है कि जलदाय विभाग की ओर से गर्मी के सीजन को देखते हुए किसी प्रकार की पूर्व तैयारी नहीं करने के कारण परेशानी आ रही है। हाल यह है कि विभाग के पास तो यह जानकारी तक नहीं है कि कौनसी पाइप लाइन कहां जा रहा है और कई जगह छोटी व कई जगह मोटी पाइप लाइन होने के कारण लोगों को एक समान आपूर्ति नहीं हो पा रही है। जबकि जलदाय विभाग का तर्क है कि आधुनिक जीवनशैली और आबादी बढ़ने के कारण पानी की खपत बढ़ी है। वहीं कई बार बिजली की कटौती और अन्य विभागों की ओर से किए जा रहे कार्यों के दौरान जलदाय विभाग की लाइन टूट जाती है। जिससे जलापूर्ति गड़बड़ा जाती है।
फैक्ट फाइल
पानी का उत्पादन 300 लाख लीटर
शहर में ट्यूबवैल 325
टंकी से जुड 158
सीधे मोहल्ले से जुड़े 167
रोजाना खराब होते हैं 15-16
इनका कहना है
गर्मी के कारण पानी की खपत बढ़ी है। जिन क्षेत्रों में पानी की समस्या है उन्हें अपने क्षेत्र की शिकायत जलदाय विभाग के कंट्रोल रूम में करनी चाहिए। जहां से शिकायतों की मॉनिटरिंग की जाती है। समय पर समस्या को दूर नहीं करने पर संबंधित पर कार्रवाई की जाती है।
चुन्नीलाल, एसई, जलदाय विभाग