ट्रेक का निर्माण कार्य दिसम्बर 2016 में शुरू हुआ था, जिसे दिसम्बर 2018 या जनवरी 2019 तक पूरा करके मार्च 2019 तक इस ट्रेक को चालू करने के प्रयास किए जा रहे हैं। इस ट्रेक के निर्माण कार्य के दौरान रींगस से छोटा गुढा रेलवे स्टेशन के बीच करीब 7.8 किमी के ब्रिज का निर्माण होगा, जिसमें से 3.5 किमी का ब्रिज केवल पिल्लरों पर बिनाया जा रहा है। पिल्लरों पर बनने के चलते इस ट्रेक के निर्माण में अधिक समय लग रहा है।
निर्माण कम्पनी के अधिकारियों ने बताया कि निर्माण कार्य में अनेक परेशानियों का सामना करना पडï़ रहा है, लेकिन फिर भी मार्च 2019 तक इस ट्रेक का उद्घाटन करवाने के लिए निर्माण कार्य को दिसम्बर 2018 या जनवरी 2019 तक पूरा करने का प्रयास चल रहा है।
इस पूरे प्रोजेक्ट की लागत लगभग 143 करोड़ रुपए है। 173 पिल्लरों पर हो रहा है। ब्रिज का निर्माण 7.8 किमी रेलवे ट्रेक में से 3.6 किमी के रेलवे ट्रेक का निर्माण कार्य पिल्लरों पर चल रहा है। इसके लिए 173 पिल्लर बनाए जा रहे हंै। जिनमें से 163 पिल्लरों का निर्माण कार्य लगभग पूरा हो गया है। शेष पिल्लरों का निर्माण कार्य चल रहा है।
फुलेरा रेवाड़ी रेलवे ट्रेक से पूर्व दिशा में इस ब्रिज के 124 पिल्लर है, जिन पर लेंटर डालने का कार्य भी शुरू हो गया है। पश्चिम दिशा के 49 पिल्लरों में शेष रहे पिल्लरों का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है।
बजरी नहीं मिलने से हो रही है निर्माण में देरी
प्रोजेक्ट कोर्डिनेटर हरसद पटेल ने बताया कि बजरी पर रोक लगाने से बजरी नहीं मिल पा रही है, जिससे पिल्लरों के निर्माण की गती धीमी हो गई है। इससे पहले जीएसटी व लोहे के दामों में बढ़ोतरी के कारण भी बीच में काम रोकने की नौबत आ गई थी।
फुलेरा रेवाडी ट्रेक से पश्चिम दिशा की जमीन के अधिग्रहण में देरी होने के कारण निर्माण कार्य करीब 16 माह देरी से शुरू हो पाया था। लाखों लोगों को मिलेगा फायदा इस रेलवे ट्रेक के शुरू होने से रींगस से जयपुर रोजाना अपडाउन करने वाले हजारों लोगों के साथ साथ धार्मिक नगरी खाटूश्यामजी व लोक देवता भैरूबाबा मंदिरों में आने लाखों भक्तों को इसका लाभ मिलेगा। वर्तमान में लोगों को बसों व निजी वाहनों में अधिक किराया चुकाकर आना पड़ रहा है।
इनका कहना है…
ब्रिज व ट्रेक के निर्माण का कार्य लगभग दिसम्बर या जनवरी 2019 में पूरा करने के प्रयास किए जा रहे हैं, जिससे तय समय के अनुसार ही ट्रेक को शुरू करवाया जा सके।
-रविन्द्र सिंह, आईओडब्ल्यू
रींगस ट्रेक के निर्माण में बजरी सहित अनेक परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है फिर भी तय अवधी में कार्य को पूरा करने का प्रयास रहेगा।
-हरसद पटेल, प्रोजेक्ट कॉर्डिनेटर