गैंगस्टर आनंदपाल सिंह गैंग में अपनी अहम भूमिका निभाने वाली लेडी डॉन अनुराधा को सीकर व्यापारी अपहरण में फर्जी सिम का उपयोग करने के मामले में शुक्रवार को उसे कोर्ट में पेश किया गया। कोर्ट ने लेडी डॉन अनुराधा की जमानत याचिका को खारिज करते हुए 27 जून को फिर से सुनवाई के लिए कहा है। इस दौरान सुरक्षा को लेकर कोर्ट के बाहर भारी पुलिस जाप्ता तैनात रहा। पुलिस अनुराधा को डीडवाना से प्रोडक्शन वारंट पर नीमकाथाना लेकर आई थी। बता दें कि वर्ष 2015 में नीमकाथाना निवासी युवक के नाम पर फर्जी सिम लेने पर अनुराधा के खिलाफ पुलिस में मामला दर्ज हुआ था।
ये था मामला
सीकर में 9 अप्रैल 2015 को सर्राफा व्यवसायी विनोद सर्राफ का अपहरण कर फिरौती मांग के मामले में मुख्य आरोपी अनुराधा चौधरी को पुलिस ने जयपुर से गिरफ्तार किया था। अनुराधा यहां पुलिस से बचने के लिए फ्लैट में ठहरी हुई थी। सीकर शहर में मॉर्निंग वॉक पर निकले विनोद सर्राफ का अपहरण कर कार में पटक लिया था। पुलिस के अनुसार विनोद सर्राफ का अपहरण मामले में अनुराधा ने फर्जी सिम का उपयोग किया था।
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अनुराधा कैसे बनी लेडी डॉन
आनंदपाल गैंग की साथी डेली डॉन अनुराधा चौधरी सीकर में रानी सती रोड की मूल निवासी है। 33 साल की इस लेडी डॉन की शादी सीकर के ही दीपक मिंज नाम के व्यक्ति के साथ हो चुकी है।वह शेयर बाजार में काम करती थी। इसमें नुकसान होने के बाद उसके ऊपर काफी कर्ज लद गया। कर्ज बढ़ता गया तो उसने गैंगस्टर आनंदपाल से संपर्क बढ़ाया। धीरे-धीरे वह गैंग की अहम सदस्य बन गई। इसके बाद उसने सीकर के एक व्यापारी का अपहरण किया। पुलिस ने उस पर 5 हजार रुपए इनाम भी घोषित किया था।