आए दिन टूट जाती हैं डेम की दीवारें
स्थानीय निवासियों का कहना है कि आए दिन नानी बीड़ में भरे गंदे पानी के डेम की दीवारें मिट्टी की बनी हैं, जो कि आए दिन टूट जाती है। शहर से गंदी-नालियों, उद्योगों से आने वाले केमिकलयुक्त पानी नानी गांव व आसपास की ढाणियों के खेतों में चला जाता है, जिससे फसलें नष्ट हो रही हैं। विगत कई साल से यह समस्या बरकरार है। ग्रामीणों ने कई बार बड़े आंदोलन किए हैं। सभापति, कलक्टर से लेकर यूडीएच मंत्री,
मुख्यमंत्री तक इस बारे में लिखित जानकारी दी गई लेकिन आज तक स्थाई समाधान नहीं हो पाया है।
ग्रामीणों ने बताया कोई समाधान नहीं हो रहा
सीकर के नानी गांव के सरपंच मोहन बाजिया व नानी और भढाढ़र गांव के ग्रामीणों ने बताया कि नानी बीड़ में बने गंदे पानी के कच्चे डेम की मिट्टी की दीवार टूटने से आए दिन ग्रामीण परेशान हैं।
नगर परिषद और जिला प्रशासन समस्या पर नहीं दे रहा ध्यान
गंदा पानी हाईवे पर आ चुका था। हाईवे पर करीब दो से ढाई किलोमीटर तक गंदा पानी आ गया। जिसके चलते वाहन चालकों को भी काफी परेशानी हुई। नगर परिषद और जिला प्रशासन इस समस्या पर ध्यान नहीं दे रहा है।
अधिकारी और जनप्रतिनिधियों ने किया कई बार दौरा
सरपंच ने बताया कि पूरे शहर का गंदा पानी नानी बीहड़ में छोड़ा जाता है। अधिकारी और जनप्रतिनिधि यहां पर बार-बार दौरा भी करते हैं लेकिन समस्या का कोई समाधान नहीं हुआ है।