बेसुध हुए मां, पत्नी व बेटियां
जवान जितेन्द्र सिंह की मौत से परिवार में दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। मंगलवार सुबह भी जब जवान की पार्थिव देह घर पहुंची तो जवान की मां, पत्नी व तीनों बेटियों का रो- रोकर बुरा हाल हो गया। दुख से वे बार बार बेसुध हो रही थी। बड़ी मुश्किल से उन्हें संभाला गया। बाद में तीनों बेटियों ने अंतिम यात्रा में पिता को कंधा भी दिया। जिसे देख हर किसी की आंखों में नमी उतर आई।
एक महीने पहले आया था गांव
जवान जितेंद्र सिंह एक महीने पहले ही छुट्टियों में गांव आया था। परिवार के लोगों ने बताया कि सर्च ऑपरेशन से एक दिन पहले ही उन्होंने जवान से बात की थी। परिजनों ने बताया कि जितेन्द्र सिंह 2001 में बीएसएफ में कांस्टेबल पद पर भर्ती हुए थे। पिछले कुछ समय से वे छत्तीसगढ़ के रायपुर में तैनात थे।
शहीद के दर्जे को लेकर असमंजस
जवान जितेन्द्र सिंह के शहीद के दर्जे को लेकर फिलहाल असमंजस बना हुआ है। जिला सैनिक कल्याण अधिकारी हीर सिंह के अनुसार उनके पास अब तक जवान जितेन्द्र सिंह को शहीद घोषित किए जाने की सूचना नहीं है। जबकि पार्थिव देह के साथ आए बीएसएफ अधिकारियों के मुताबिक सर्च ऑपरेशन में मौत की वजह से जवान जितेन्द्र सिंह को शहीद का दर्जा मिलेगा। बहरहाल ग्रामीणों ने जवान को शहीद का दर्जा दिए जाने की मांग शुरू कर दी है।