हाल ही में उनका टी-सिरीज म्यूजिक पर आया गीत पीली लूगड़ी काफी सुर्खियां बटोर रहा है। संघर्ष के रास्ते सफलता की मंजिल पहुंची दीपिका से राजस्थान पत्रिका ने बात की तो अपने जीवन व विजन को साझा किया।
मैं लोअर मिडिल क्लास से संबंध रखती थी। कक्षा आठ तक गांव की सरकारी स्कूल में पढऩे के बाद बोर्ड परीक्षा राजकीय कन्या पाठशाला से पास की। इसके बाद कृष्ण सत्संग कॉलेज में प्रवेश लिया। पर खराब माली हालत के चलते कॉलेज छोड़ प्राइवेट पढ़ाई करनी पड़ी। काफी संघर्ष व परेशानियों का सफर तय किया है।
बचपन से एक्टिंग व गाने का शोक था। रामलीला में सीता का रोल करने के साथ स्थानीय कार्यक्रमों में हिस्सा लेती थी। खराब माली हालत में कॉलेज छोडऩा पड़ा तो मोबाइल सिम व मोटर कंपनी, बैंक आदि जगहों पर छोटा- मोटा काम किया। काम करते हुए ही म्यूजिक भी सीखती थी। बाद में जयपुर शिफ्ट हो गई और गाने के शौक की वजह से मैंने म्यूजिक से ही बीए-एमए व बीएड करते हुए म्यूजिक सिखाना शुरू किया। इसी बीच मेरी मुलाकात संगीत जगत के दिग्गज अनूप जलोटा से हुई। जिन्होंने मेरा गाना सुनकर मुंबई आने को कहा। उनके मशवरे पर ही दो साल पहले मुंबई आ गई। तब से गोड फादर की तरह वही मुझे संभाले हुए है।
अब तक करीब 25 एड फिल्म्स में काम कर चुकी हूं। इनमें अभिनेत्री भाग्यश्री, शक्ति कपूर, जरीना वहाब, आलोक नाथ सरीखे मशहूर सेलिब्रेटी के साथ काम करने का मौका मिला। अब भी 15 से ज्यादा प्रोजेक्ट चल रहे हैं। इसके अलावा भी फिल्म व संगीत के क्षेत्र में कई योजनाओं पर कार्य चल रहा है।
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हां अब तक चार एल्बम आ चुके हैं। हाल में टी-सिरीज पर आया पीली लूगड़ी गाना काफी पसंद किया जा रहा है। मुंबई, दिल्ली, पंजाब व मध्यप्रदेश सहित कई जगह शो भी हो चुके हैं।
एक्टिंग शौक है, लेकिन पैशन म्यूजिक ही है। फिल्मस में भी एक्टिंग की बजाय गाना ही ज्यादा पसंद करूंगी। लक्ष्य भी अच्छा सिंगर बनना ही है।
इंडो- अमेरिकन कल्चरल एंबेसडर पुरस्कार, नारी शक्ति पुरस्कार, लायंस क्लब, मुंबई के सर्वश्रेष्ठ गायिका व वॉयस ऑफ खांडल सहित दर्जनों अवार्ड मिल चुके हैं। हर अवार्ड मेरी प्रेरणा व गर्व का विषय रहा है।