Rajasthan Election 2018 : टिकट बंटने से पहले BJP नेता राजेन्द्र राठौड़ का बड़ा ऐलान, ‘मैं तो यहां से लड़ूंगा चुनाव…’
यह था मामला
-खेतड़ी तहसील के की गाडराटा ग्राम पंचायत की ढाणी भगतावाली निवासी 95 वर्षीय बुधराम गुर्जर पिछले कई दिन से बीमार चल रहे थे।
-शनिवार दोपहर को बुधराम की अचानक तबीयत खराब हुई। परिजनों ने उन्हें चिकित्सक को दिखाया। उन्होंने बुधराम को मृत घोषित कर दिया था।
-इस पर बुधराम के चार बेटों ने परिवार व रिश्तेदारी में सूचना देकर उनके अंतिम संस्कार की तैयारियां शुरू कर दी।
-चार बेटों ने पिता की मौत पर सिर मुंडवा लिया और उनकी बैकुंठी भी सजा ली थी।
-शव को अर्थी पर लेटाना से पहले स्नान की क्रिया सम्पन्न करवाई जा रही थी तब उसमें हलचल हुई।
-वृद्ध बुधराम की सांसे लौट आई और मौत के महज चार घंटे बाद ही वह वापस जिंदा हो गया।
-मरकर वापस जिंदा होने के बाद वह परिजनों से बात करने लगा और देखते ही देखते खड़ा हो गया।
-यह घटना पूरे क्षेत्र में चर्चा का विषय रही। देशभर के कई अखबार और चैनलों पर सुर्खियां बनी।
-अब दिवाली की रात को एक बार फिर से बुधराम ने दुनिया छोड़ दी और इस बार मरकर वापस जिंदा नहीं हुआ।
-दूसरे दिन गुरुवार को गाजे-बाजे से उनकी शवयात्रा निकाली गई और अंतिम संस्कार किया गया।
परिजनों को दिवाली पूजन करवाया
बुधराम के बेटे महिपाल ने बताया कि बुधवार को दिवाली के दिन उनके पिता ने स्नान किया। सुबह दही पिया तथा चार बजे फिर से दही लिया। दिनभर परिजनों से खूब बातें की। उसके बाद रात्रि में पूरे परिवार को दिवाली पूजन करवाया और लगभग 9 बजे अचानक उनकी मौत हो गई।
इस पर सब जगह यही चर्चा रही कि वृद्ध बुधराम परिजनों के साथ दिवाली पूजन करने के लिए मरकर वापस जिंदा हुआ था, हालांकि यह सिर्फ एक इत्तेफाक ही था। अन्तिम संस्कार में पूर्व विधायक हजारीलाल गुर्जर, सरपंच गाडराटा सुनीता गुर्जर, राजेश गुर्जर समेत कई गांवों के लोग शामिल हुए।