काउंसलिंग के लिए इनमें से लगभग डेढ़ लाख विद्यार्थियों को पास किया गया है। प्रदेश के दो सरकारी व चार पीपीपी मॉडल वाले सैनिक स्कूल भी देश के विद्यार्थियों की पसंद बन रहे हैं। प्रदेश के सैनिक स्कूलों में बिहार, यूपी व मध्यप्रदेश के युवा भी पढ़ाई करने पहुंच रहे हैं। सैनिक स्कूलों के लिए विद्यार्थियों को परीक्षा देना अनिवार्य है। छात्रों को रैंक के हिसाब से सैनिक स्कूल आवंटित किए जाते हैं। दस्तावेज सत्यापन और मेडिकल के बाद ही प्रवेश मिलता है।
‘सैनिक स्कूलों में पढ़ाई के क्रेज को देखते हुए सरकार ने निजी क्षेत्र के भी सैनिक स्कूल खोले हैं। एनटीए की ओर से क्वालीफाई विद्यार्थियों की काउंसलिंग जारी है। सितम्बर तक यह कवायद पूरी होनी है। राजस्थान के सैनिक स्कूलों की अपनी अलग पहचान है।’ – डॉ. शीशराम रणवां, एक्सपर्ट, सीकर
Sainik Schools In Rajasthan : देश के पांच में से दो स्कूल राजस्थान में
देश में 5 राष्ट्रीय मिलिट्री स्कूल हैं इनमें से दो राजस्थान में है। अजमेर, चहल, बेंगलूरु, बेलगाम व धौलपुर में मिलिट्री स्कूल हैं। छठी कक्षा में प्रति स्कूल 80 सीट तय हैं। नवीं कक्षा में प्रति स्कूल 10 से 20 सीट। प्रवेश के लिए दिसंबर में रक्षा मंत्रालय संयुक्त प्रवेश परीक्षा कराता है।
किस राज्य में कितने सैनिक स्कूल
राजस्थान, महाराष्ट्र : 6 उतरप्रदेश : 5 कर्नाटक : 5 हरियाणा : 5 बिहार : 5
मध्यप्रदेश : 5 छत्तीसगढ़ : 4
गुजरात : 3 आंधप्रदेश : 3 हिमाचल प्रदेश : 3 अरुणाचल प्रदेश : 2 असम : 1 फैक्ट फाइल
-33 सरकारी सैनिक स्कूल देश में
-42 सैनिक स्कूल निजी क्षेत्र के -8500 सीट देशभर में लगभग -2.50 लाख शामिल हुए प्रवेश परीक्षा में -1.50 लाख काउंसलिंग के लिए पात्र घोषित -6 सैनिक स्कूल राजस्थान में
फिटनेस पर पूरा जोर
सैनिक स्कूलों में क्रेज के पीछे कई वजह हैं। सामान्य स्कूलों में जहां रोजाना छह से आठ घंटे पढ़ाई होती है। वहीं, सैनिकों में पढ़ाई दस घंटे होती है। वहीं यहां विद्यार्थियों की फिटनेस पर पूरा जोर दिया जाता है।
ऐसे मिलता दाखिला
देशभर के सैनिक स्कूलों में कक्षा छठी व नवीं में एनटीए की परीक्षा के आधार पर दाखिला मिलता है। एनटीए के स्कोर के बाद रैंकिंग के जरिए विद्यार्थियों को स्कूलों का आवंटन किया जाता है।