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Patrika Sting : पुलिस की नाक के नीचे बिक रहा है नशा, 100 रुपए में चाहे जितना माल…अफीम से लेकर ब्राउन शुगर तक सबकुछ

राजस्थान पत्रिका की टीम ने जब इस अवैध धंधे का स्टिंग किया तो चौंकाने वाले खुलासे हुए।

सीकरJun 15, 2018 / 09:27 am

Vinod Chauhan

पत्रिका स्टिंग: पुलिस की नाक के नीचे बिक रहा है नशा, 100 रुपए में चाहे जितना माल लो

जोगेन्द्र सिंह गौड़/रविन्द्र सिंह राठौड़, सीकर.

शिक्षा की नगरी में गांजे का अवैध कारोबार फल-फूल रहा है और वह भी पुलिस की नाक के नीचे। यह अलग बात है कि बावजूद इसके पुलिस अपनी मुस्तैदी का दम भर रही है। बड़ी बात यह है कि शहर में दर्जनों घरों और दुकानों पर गांजे की पुडिय़ा बनाकर ग्राहक को इसकी सप्लाई की जा रही है। राजस्थान पत्रिका की टीम ने जब इस अवैध धंधे का स्टिंग किया तो चौंकाने वाले खुलासे हुए। सामने आया कि नशे के इस अवैध कारोबार में बुजुर्ग व महिला सहित बच्चे तक लिप्त हैं। पुडिय़ा की कीमत 100 से लेकर 600 रुपए तक की वसूली जा रही है। यानि जैसा ग्राहक वैसे ही दाम लिए जा रहे हैं। अवैध कारोबारियों ने सुरक्षा के लिहाज से धार्मिक स्थलों के आसपास की जगह चुन रखी हैं। अवैध धंधे से जुड़े सप्लायर अफीफ, चरस, कोकिन व ब्राउन शुगर तक का व्यापार कर रहे हैं।

सब्जी के ठेले पर गांजे की सप्लाई
जाट बाजार में पिछले साल ही पुलिस ने सब्जी के एक ठेले पर गांजा सप्लाई करते एक को गिरफ्तार किया था। पूछताछ में सामने आया कि वह स्कूल व कॉलेज के विद्यार्थियों तक उनकी डिमांड के अनुसार गांजा सप्लाई करता था। नाम नहीं छापने की शर्त पर एक युवक ने बताया कि लक्ष्मणगढ़-बीकानेर बाइपास के आस-पास बने कई होटल भी इनके अड्डे बने हुए हैं। यहां गांजे के साथ पीने के लिए उनको अलग से जगह मुहैया करवाई जाती है। लेकिन, इसका चार्ज डबल लगता है।


पहले लेते हैं पूरी टोह
नेहरू पार्क के पास एक आलीशान मकान में गांजे की रेडीमेंट पुडिय़ा बनाकर बेची जा रही थी। हालांकि गेट खुलवाया तो सप्लायर की जगह एक 12 से 14 साल का बच्चा बाहर निकला और पापा के बाहर जाने का हवाला देते हुए केवल काम पूछा। गांजे उपलब्ध कराने की बात कही तो पहले तो वह पूरी टोह लेने लगा कि कहां से आए हो किसने बताया। इसके बाद कितना देने की बात पर उसने जवाब दिया कि उनके यहां सौ रुपए से लेकर छह सौ रुपए तक की गांजे की पुडिय़ा रेडीमेंट तैयार कर रखी है। पुडिय़ा की साइज दिखाते हुए बाद में सौ रुपए वाली का सौदा होने पर बच्चे द्वारा गांजे की पुडिय़ा पकड़ा दी गई।


40 से 50 लाख का कारोबार
हालांकि पत्रिका दावा नहीं कर रहा है। लेकिन, सूत्रों के अनुसार जिलेभर में सालाना 40 से 50 लाख रुपए तक का गांजे का कारोबार होता है। इसके अलावा और भी कई ऐसे मादक पदार्थ हैं। जिनका सालाना करीब तीन करोड़ का कारोबार होना सामने आ रहा है। जिसमेंं शराब, बीयर, भांग, अफीम, नशीली दवाइयां, चरस आदि शामिल बताई जा रही है।


खेत में मिले थे 70 पौधे
अप्रेल 2015 में सीकर जिले के सागरमल नाम के व्यक्ति को गांजे के मामले में सजा सुनाई गई थी। जिसमें उसे दस साल की सजा और एक लाख रुपए का जुर्माना लगाया गया था। इसके खेत में मौके पर गांजे के करीब 70 पौधे पकड़ में आए थे। हालांकि इसके अलावा भी सीकर पुलिस द्वारा एनडीपीएस के तहत जिले में गांजे के खिलाफ कई बार कार्रवाई की जा चुकी है।


सजा के प्रावधान
अधिवक्ता संजय महला के अनुसार यदि किसी व्यक्ति के पास 20 किलो से कम मात्रा में गांजा बरामद होता है और दोष साबित हो जाता है तो आरोपी को दस साल की सजा का प्रावधान है। साथ में एक लाख रुपए का जुर्माना भी हो सकता है। गांजे की मात्रा 20 किलो से अधिक होने और दोष साबित होने पर 20 साल की सजा तथा दो लाख का जुर्माना वहन लग सकता है।


तीन घंटे में पकड़े तीन अड्डे
पत्रिका की टीम ने पहले उस ग्राहक को पकड़ा जो अक्सर जरूरत पडऩे पर इन सप्लायरों से गांजा खरीदता है। पहले वह अंबेडकर नगर लेकर गया। यहां एक घर में महिला अपने पति के साथ इस कारोबार में जुड़ी हुई है। दोपहर होने के कारण उसने शाम को आने को कहा। इसके बाद शक होने पर गेट बंद कर लिया। दूसरी जगह बुच्याणी के पास एक किराने की दुकान पर गांजे की पुडिय़ा बेचने वाला बुजुर्ग व्यक्ति मिला। सौ का नोट पकड़ाते ही उसने झट दर्राज में रखी गांजे की पुडिय़ा निकाल कर हाथ में थमा दी। पूछने पर बताया कि रात के अलावा दिन में कभी भी आने पर उनको माल तैयार मिलेगा। हालांकि इससे पहले हमे भी डिमांग आगे भिजवानी पड़ती है।


सजा के प्रावधान
अधिवक्ता संजय महला के अनुसार यदि किसी व्यक्ति के पास 20 किलो से कम मात्रा में गांजा बरामद होता है और दोष साबित हो जाता है तो आरोपी को दस साल की सजा का प्रावधान है। साथ में एक लाख रुपए का जुर्माना भी हो सकता है। गांजे की मात्रा 20 किलो से अधिक होने और दोष साबित होने पर 20 साल की सजा तथा दो लाख का जुर्माना वहन लग सकता है।


खुद लेकर आता है बाइक पर
धार्मिक जगह गांजे का सेवन कर रहे नशेडिय़ों से पूछा तो उन्होंने बताया कि एक सप्लायर उनका जान-पहचान का है। जो कि, फोन के साथ ही बाइक पर आकर उन तक माल की सप्लाई देकर चला जाता है। मंगवाने पर वे बोले कि वह आपके सामने नहीं आएगा। पैसे दे जाओ और एक घंटे बाद यहीं से ले जाना। उनके कहे अनुसार एक घंटे पहले ही उन लोगों ने उससे गांजे की पुडिय़ा मंगवा ली और जेब में छुपा कर यहां से ले जाने की सलाह दी।


गांजा जैसी नशीली वस्तुओं की अवैध बिक्री को रोकने का पुलिस हर संभव प्रयास करती है। सूचना मिलने पर कार्रवाई की जाती है। यदि ऐसी कोई जानकारी पुलिस के ध्यान में आएगी तो संबंधित पर कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। -विनीत कुमार, पुलिस अधीक्षक सीकर

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