अंधाधुंध छिड़काव पर लगेगी लगाम
प्रदेश के कृषि विश्वविद्यालयों में विषय विशेषज्ञों की सुविधा है लेकिन जिला स्तर पर किसानों को इनकी सुविधाओं का लाभ नहीं मिल पाता है। ऐसे में अधिकांश अंधाधुंध उर्वरक व कीटनाशकों का प्रयोग करते हैं। जिससे किसान को फायदा होने के साथ आमजन की सेहत को नुकसान होने लगता है। ऐसे में कृषि आयुक्तालय ने जिला स्तर पर विशेषज्ञों की सुविधा पहुंचाने के लिए एग्री क्लीनिक खोलने की कवायद शुरू की है। इसके लिए पौध व्याधि और कृषि अनुसंधान अधिकारी कीट के पद स्वीकृत कर दिए गए हैं।300 वर्ग फीट में होगा निर्माण
सीकर जिले में शुरूआती पहले चरण में बनने वाले एग्री क्लीनिक बनाने के लिए मिट्टी पानी प्रयोगशाला के पास जगह का चयन कर लिया गया है। 300 वर्ग फिट में कृषि विभाग ने भवन बनाने की कवायद शुरू कर दी गई। इस भवन में जरूरी उपकरण व मशीनरी के लिए टेंडर कर लिए गए हैं। प्रत्येक एग्रो क्लिनिक पर करीब 11 लाख रुपए की लागत आएगी. क्लिनिक में विशेषज्ञ स्टाफ भी लगाया जाएगा. सबकुछ ठीक रहा तो इस वित्तीय वर्ष में किसानों को यह जांच सुविधा मिलनी शुरू हो जाएगी। कृषि विभाग की ओर से दूसरे चरण इस सुविधा से वंचित रहने वाले जिलों में यह जांच सुविधा शुरू की जाएगी।इन जिलों में खुलेंगे फसलों के क्लीनिक
राजस्थान के सीकर, झुंझुनूं, चूरू, जयपुर, अजमेर, अलवर, भीलवाड़ा, धौलपुर, दौसा, टोंक, बीकानेर, पाली, उदयपुर, हनुमानगढ़, भरतपुर, सवाईमाधोपुर, करौली, जोधपुर, कोटा और श्रीगंगानगर जिले में फसलों के क्लीनिक खुलेंगे।राजस्थान में जल्द निकलेगी 4 हजार नई भर्तियां
ये बोले अधिकारी…
कृषि आयुक्तालय के निर्देशानुसार पहले चरण में प्रदेश के 20 जिलों में एग्री क्लीनिक खोलने की कवायद शुरू कर दी गई है। इन क्लिनिक में रोग ग्रस्त फसलों को लेकर आने वाले किसानों को संक्रमण जांच की करवा सकेंगे।-रामनिवास पालीवाल, संयुक्त निदेशक कृषि