scriptमोती की खेती से लाखों रुपए कमाता है ये किसान, मुम्बई-हैदराबाद से भी आने लगे ऑर्डर | Moti Ki kheti in bay Village of sikar District rajasthan | Patrika News
सीकर

मोती की खेती से लाखों रुपए कमाता है ये किसान, मुम्बई-हैदराबाद से भी आने लगे ऑर्डर

Pearl Farming In Sikar : राजस्थान के सीकर जिले के गांव बाय के किसान विनोद भारती ने दो साल पहले सीप से मोती पालन केन्द्र की स्थापना की।

सीकरJun 11, 2018 / 06:29 pm

vishwanath saini

Moti ki kheti sikar

Pearl Farming In Sikar

प्रमोद स्वामी/खाटूश्यामजी. जमाने के साथ ही हमारे देश के किसान भी हाईटेक हो रहे हैं। गेहूं, जौ जैसी फसलों में अब उतना मुनाफा नहीं मिलता, इसलिए नए-नए तरीकों को भी आजमाया जा रहा है। मोती की खेती इन दिनों काफी प्रचलन में है। इस व्यवसाय के जरिए किसान न केवल अच्छा पैसा कमा रहे हैं बल्कि समृद्धि की ओर बढ़ रहे हैं। इसका उदाहरण हैं कि राजस्थान के सीकर जिले के गांव बाय के किसान विनोद भारती। इन्होंने दो साल पहले सीप से मोती पालन केन्द्र की स्थापना की। इससे विनोद हर माह 20 से 25 हजार रुपए प्रति माह कमा रहे हैं।

 

Video : शेखावाटी के इन किसानों ने किया कमाल, पहली बार होगी सीप से तैयार मोतियों की खेती, एक करोड़ से अधिक होगी इनकम

 


एक साल बाद निकलता है मोती
मोती का व्यवसाय शुरू करने के लिए विनोद ने घर में ही पानी का छोटा सीमेंट का टैंक बनाया। उसमें केरल से सीप लाकर उसे दस दिन के लिए पानी में रखकर यहां के वातावरण के अनुसार ढालते है। इसके बाद मोती उत्पादन के लिए उस सीप में आवश्यक्तानुसार बीजारोपण कर छोड़ देते है। 5 दिन देखरेख के बाद सीप में गोलाकार, अर्दगोलाकार एवं अन्य डिजायन के मोती बनाने के लिए सर्जरी कर उसमें दवाई देकर छोटे पोण्ड में रख दिया जाता है।

उसके बाद सीप को सीमेंट के टेंक में डालकर सपलीमेंट्री फूड (खाना) दिया जाता है। रोजाना की देखरेख एवं बीमार सीपों का ईलाज करने के बाद एक से डेढ साल के दरिम्यान मोती की उपज तैयार होती है। फिर कटाई छटाई और ग्रेडिग के बाद उन्हें बाजार में बेचा जाता है।

अब केसरिया (गोल्ड) मोती

सफेद मोती के बाद किसान विनोद भारती ने गोल्ड मोती बनाने की ठानी। किसान ने घर पर ही एक स्पेशल खाद्य पदार्थ तैयार किया। जिसे उसने सीपों को खिलाना शुरू किया। यह मेहनत रंग लाई और गोल्डन कलर का मोती तैयार हो गया।

देशभर के किसानों को कर चुके हैं ट्रेंड

किसान विनोद भारतीय बताते हैं कि उड़ीसा में रहने वाले वैज्ञानिक मित्र मुकेश बैरवा जो कि राजस्थान के हैं। डॉ.शैलेश से मोती बनाने की ट्रेनिंग ली। विनोद ने बताया कि प्रदेश के उदयपुर, कोटपूतली, राजसमंद, मेड़ता, जौधपुर, जयपुर आदि शहरों और गांवों सहित यूपी, तेलंगाना आदी राज्यों से दर्जनों किसान गांव बांय आकर मोती बनाने का प्रशिक्षण ले चुके है।

मुम्बई व हैदराबाद से आने लगे हैं ऑर्डर

विनोद ने बताया कि मोती और उससे तैयार की गई विभिन्न प्रकार की मूर्तियों आदि को जब मुम्बई, हैदराबाद आदि शहरों के रत्नों के व्यापारियों को दिखाया। जिसके बाद अब वहां से इनकी डिमांड आने लगी हैं।

मोती से बन रही है गणेश, शिव, हनुमान की मूर्तियां

मोती के साथ-साथ विनोद सीप से भगवान गणेश, शिव, हनुमान, लक्ष्मी, 786, ओम, ईसा मसीह, राधेकृष्णा आदि आकृतिनुमा मोती तैयार कर चुके हैं। उन्होंने बताया कि युवा पीढी की डिमांड के चलते गले के पेंडिल, नाम की अंगूठी की मांग बढ़ रही है।

सरकारी सहायता मिले तो बने बात

किसान विनोद भारती ने बताया कि 8 अप्रेल 2018 को खाटूश्यामजी जनसुनवाई के दौरान मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को मोती के गणेशजी की मूर्ति भेंट की थी। इस दौरान भारती ने मोती की खेती की प्रोजेक्ट रिपोर्ट देकर इसे बढ़ावा देने के लिए सरकारी अनुदान देने की बात कही थी। जिस पर मुख्यमंत्री ने सरकारी सहायता का आश्वासन दिया था। भारती ने बताया कि सरकारी अनुदान मिले तो मेरे खेत में दो बीघा जमीन पर मोती पालन प्लांट स्थापित करके करोड़ो रूपए कमा सकता हूं।

Hindi News / Sikar / मोती की खेती से लाखों रुपए कमाता है ये किसान, मुम्बई-हैदराबाद से भी आने लगे ऑर्डर

ट्रेंडिंग वीडियो