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जिम्मेदारों को जानकारी नहीं
आपको बता दें कि, बुधवार को स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी जिले की एक सूची सोशल मीडिया में वायरल हुई। सूची में कोरोना पॉजिटिव मरीजों को मृत घोषित किया गया, जबकि यहां सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सेमरिया में भर्ती इन मरीजों को होम आइसोलेट किया गया था। स्वास्थ विभाग की रिपोर्ट में ये गलती एक-दो लोगों के साथ नहीं बल्कि सात लोगों के साथ की गई है। हालांकि, स्वास्थ्य विभाग की वायरल सूची को लेकर कलेक्टर रवीन्द्र कुमार चौधरी ने अनभिज्ञता जाहिर की है। उनके मुताबिक, मेरी जानकारी में अब तक ऐसा मामला सामने नहीं आया है। इस विषय में सीएमएचओ ही कुछ बता सकते हैं। वहीं, जब इस मामले में सीएमएचओ से पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि, किसी जीवित को मृत घोषित नहीं किया गया।
क्या कहती है वायरल सूची
आपको बता दें कि, कार्यालय खंड चिकित्सा अधिकारी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सेमरिया जिला सीधी के नाम से 2 जून को एक सूची वायरल हुई है, जिसमें एक से लेकर 17 मरीजों का पूरा डाटा दर्शाया गया है, जहां पर 7 जिंदा लोगों को मृत घोषित कर दिया गया है। इसी सूची को देखने के बाद जब जिंदा लोगों को मामले की जानकारी हुई, तो वो चौंक गए। हालांकि, जिम्मेदारों का कहना है कि, ये कई दिन पुरानी लिस्ट है। किसी शिकायतकर्ता ने संबंधित जिम्मेदार अधिकारियों को इस संबंध में जानकारी दी गई थी। जिन्होंने इसे वायरल किया है।
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आंकड़ों को लेकर पहले से ही सवालों में उलझी है सरकार
कोरोना से मौत के आंकड़े को लेकर जहां प्रदेश सरकार और विपक्ष में पहले से ही रार मची हुई है। वहीं सीधी जिले में जिंदा लोगों को मृत बताकर स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन ने शिवराज सरकार के खिलाफ एक और मुसीबत बढ़ा दी है। आरोप है कि कोरोना से मौत को लेकर इसी तरह कागजी आंकड़ों की बाजीगरी की गई है। जिसपर सरकारी मशीनरी पर्दा डाल रही थी। लेकिन यहां पर उल्टा ही हो गया।
लोगों ने कहा- ‘हम जिंदा है साहब’
प्राप्त जानकारी के मुतिक जिन लोगों के कोरोना से मृत होने की सूची सोशल मीडिया पर वायरल हो रही थी। वो जिला स्वास्थ केन्द्र में जिंदा होने का प्रमाण पेश करने पहुंच गए।सरकारी रिकार्ड में खुद के मृत होने से डरे लोग अधिकारियों के पास पहुंचकर बोलते नजर आए कि, साहब अभी हम जिंदा हैं…! एक अन्य व्यक्ति ने कहा कि, ‘कोरोना से उनकी मौत नहीं हुई है। वो तो सिर्फ सेमरिया अस्पताल में कोरोना की जांच कराने आया था। वहां की दवा तक नहीं ली। फिर भी मृत घोषित कैसे कर दिया, समझ नहीं आ रहा।
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जल्दबाजी में सूची बनने से हुआ गड़बड़
वहीं, स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों का कहना है कि, समय-समय पर सीएमएचओ कार्यालय से सभी सिविल अस्पताल और सीएचसी और पीएचसी से कोरोना संक्रमितों और मृतकों की सूची ली जाती है, जिन्हें खंड चिकित्सा अधिकारी कंप्यूटर आपरेटर से आनन फानन में सूची बनवाकर भेजते हैं। संभव है कि, ये त्रुटि जल्दबाजी के चक्कर में आई हो।
किसी को मृत घोषित नहीं किया गया है
वहीं, दूसरी तरफ सीधी सीएमएचओ डॉ. बीएल मिश्रा का कहना है कि, मामले को लेकर अब तक इस संबंध में मैरे समक्ष कोई जानकारी सामने नहीं आई है। हां अगर सीएमएचओ आफिस में इस तरह की गड़बड़ी होती, तो उस गलती का जिम्मेदार मैं होता। कोई प्राथमिक जानकारी को बदले की भावना से इस तरह कर सकता है। हालांकि, विभागीय स्तर पर किसी को भी मृत घोषित नहीं किया गया।
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सरकारी रिकार्ड में इनको किया गया मृत घोषित