mp news: मध्यप्रदेश में रिश्वतखोर अधिकारी-कर्मचारियों पर कार्रवाई का सिलसिला लगातार जारी है। लगभग हर दूसरे दिन कहीं न कहीं लोकायुक्त रिश्वतखोर अधिकारी-कर्मचारियों को रिश्वत लेते हुए रंगेहाथों पकड़ रही है लेकिन इसके बावजूद रिश्वतखोर बाज आते नजर नहीं आ रहे हैं। ताजा मामला मध्यप्रदेश के सीधी जिले का है जहां आदिवासी विकास विभाग के सहायक आयुक्त को लोकायुक्त की टीम ने रिश्वत लेते हुए रंगेहाथों गिरफ्तार किया है। कलेक्ट्रेट में स्थित दफ्तर में हुई लोकायुक्त की इस कार्रवाई से हड़कंप मच गया। जिस दफ्तर में बैठकर सहायक आयुक्त रिश्वत ले रहा था वो कलेक्टर के चैंबर की पहली मंजिल पर स्थित है।
सीधी कलेक्ट्रेट में शुक्रवार को लोकायुक्त की कार्रवाई से हड़कंप मच गया। लोकायुक्त की 12 सदस्यीय टीम ने कलेक्ट्रेट की दूसरी मंजिल पर स्थित आदिवासी विकास विभाग के दफ्तर में बैठकर रिश्वत ले रहे सहायक आयुक्त डीके द्विवेदी को 5 हजार रुपए की रिश्वत लेते रंगेहाथों पकड़ा है। रिश्वतखोर सहायक आयुक्त ने चपरासी सुखलाल कोल से उसका ट्रांसफर रद्द करने के एवज में 20 हजार रूपए रिश्वत मांगी थी जिसमें से 15 हजार रूपए पहले ही चपरासी अधिकारी को दे चुका था।
लोकायुक्त डीएसपी प्रवीण सिंह ने बताया कि फरियादी चपरासी सुखलाल कोल सुखवारी के छात्रावास में पदस्थ था जिसका ट्रांसफर अमरबाह कर दिया गया था। रिटायरमेंट का वक्त नजदीक होने और अमरबाह काफी दूर होने के कारण चपरासी सुखलाल कोल ने ट्रांसफर रद्द करने की मांग आदिवासी विकास विभाग के सहायक आयुक्त डीके द्विवेदी से की थी। जिसके एवज में रिश्वतखोर सहायक आयुक्त ने 20 हजार रुपए मांगे। 15 हजार रूपए पहले ही चपरासी अधिकारी को दे चुका था और फिर बीते दिनों लोकायुक्त दफ्तर में आकर शिकायत की। जिसके आधार रिश्वतखोर सहायक आयुक्त डीके द्विवेदी को 5 हजार रूपए की रिश्वत लेते हुए उनके दफ्तर से पकड़ा गया है।