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ऑडिट में हुआ खुलासा
बता दें कि, जिले की 12 एटीएम मशीनों में पैसे डालने की जिम्मेदारी सीएमएस कंपनी की है। कंपनी अपने कर्मचारियों के जरिये मशीनों में केश की उपलब्धता कराती है। पुलिस के मुताबिक, कंपनी के कर्मी आरोपी सतीश रावत और अनिल तिवारी ने मिलकर इस वारादात को अंजाम दिया। मामले का खुलासा तब हुआ जब एटीएम में डाली जाने वाली नगदी रकम की आॅडिट शुरू हुई। इस दौरान तक आरोपी करोड़ों रुपये लेकर रफूचक्कर हो चुके थे। इसपर कंपनी और बैंक प्रबंधक ने मिलकर मामले की शिकायत सिटी कोतवाली पुलिस से की।
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कंपनी और बैंक को खबर नहीं
शिकायत के बाद पुलिस ने अपना नेटवर्क बिछाकर दोनों आरोपियों को सिंगरौली से गिरफ्तार कर लिया। इसेक बाद शुरु हुई जांच में खुलासा हुआ कि, जब भी आरोपियों को ATM मशीन में दस लाख नगदी डालने को मिलते थे, तो वो 8 लाख ही एटीएम मशीन में डालते थे, बाकि दो लाख रुपये गायब कर देते थे। हैरानी इस बात की थी कि, बैंक को बार-बार इतना बड़ा चूना लगता रहा, लेकिन इसपर न ही बैंक और न ही सीएमएस कंपनी का इसपर ध्यान गया। नतीजतन आरोपियों के हौसले बुलंद होते गए और धीरे धीरे दो लाख से शुरू हुई चोरी करीब पोने दो करोड़ तक जा पहुंची।
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नगद रकम जब्त
सीधी एएसपी अंजुलता पटेल के मुताबिक, पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से कुछ नगदी रकम और एक कार 2 बाइक जब्त किए हैं। आरोपियों द्वारा करोड़ों रुपयों पर हाथ साफ किया गया था, लेकिन को अब तक उनके पास से कुछ नगदी और वाहन की कीमत मिलकर 23 लाख ही हाथ आ सके हैं। पुलिस ने दोनों आरोपियों को जेल पहुंचा दिया है।