जिले में मानसून की बारिश के बाद खरीफ सीजन के लिए खेतों में बोवनी का काम शुरू हो गया है, लेकिन किसानों को खाद की कमी से जूझना पड़ रहा है। किसानों को डीएपी नहीं मिल रहा है, जिसके चलते लंबी-लंबी लाइनें खाद वितरण केन्द्र पर लगी हैं।
शिवपुरी के लुधावली स्थित खाद वितरण केंद्र पर मंगलवार को परेशान किसानों की लंबी लाइन लगी देखी गई। डिपो सेंटर के खाद वितरण केंद्र पर जब डीएपी आया तो यहां पर किसानों की लंबी लाइन लग गई। किसानों का आरोप है कि वितरण केंद्र पर अव्यवस्था का माहौल है, डीएपी सही ढंग से वितरण नहीं किया जा रहा है। अपने खास किसान और नजदीकी प्राइवेट दुकानदारों को डीएपी ब्लैक में दिया जा रहा है, और वे इसे ऊंचे दामों पर बेच रहे हैं। बिना खाद के किसान बोवनी नहीं कर पाएगा और खाद उसे न तो सोसायटी पर मिल रही और न ही डिपो पर मिल पा रही। ऐसे में वे किसान परेशान हैं, जिनके खेत तो तैयार हैं, लेकिन बिना खाद के वो खेतों में बोवनी नहीं कर पा रहे।
नही मिल रही खाद
खाद केंद्र पर अव्यवस्था का माहौल है और खरीफ सीजन में उन्हें डीएपी की आवश्यकता है लेकिन वितरण व्यवस्था सही नहीं होने से केंद्रों पर लंबी-लंबी लाइन लगी हुई हैं।
हर्षवर्धन मजेजी, कृषक ग्राम ठर्री
साढ़े 18 हजार एमटी खाद उपलब्ध है
जिले में डीएपी खाद साढ़े 18 हजार मीट्रिक टन उपलब्ध है, जो सोसायटियों के अलावा डबल लॉक में भी है। लुधावली सोसायटी डिफाल्टर हो गई है, इसलिए वहां खाद नहीं भेजी जा रही, तो किसान डबल लॉक से खाद ले सकते हैं।
यूएस तोमर, उप संचालक कृषि
यह लगाए आरोप
कृषक सुनील धाकड़ और बाइसराम ने आरोप लगाया कि प्राइवेट दुकानदारों को गुपचुप तरीके से डीएपी दिया जा रहा है। इसके बाद प्राइवेट दुकानदार ऊंचे दामों पर अतिरिक्त सेवा शुल्क लेकर ब्लैक में डीएपी बेच रहे हैं।
महंगी हुई खाद
डीएपी का एक कट्टा पहले 1200 रुपए में मिलता था, जिसे अब शासन ने 1350 रुपए का कर दिया है। चूंकि किसानों को यह जानकारी नहीं है, संभवत: इसीलिए उन्हें खाद अधिक दाम में बेचे जाने तथा कालाबाजारी की आशंका लग रही है।