वहीं, मामोर झील ओवरफ्लो होने के कारण किसानों की ओर से बनाई गई अस्थाई मिट्टी की मेड़ भी टूट गई। मेड़ टूटने से मामोर झील का पानी दर्जनों किसानों की सैंकड़ों बीघे में लगी फसल नष्ट हो गई है। किसानों ने बताया कि उन्होंने कर्ज लेकर फसलें उगाई थी। फसलें तैयार थी, लेकिन झील के गंदे पानी ने उनकी फसलों को बर्बाद कर दिया है। किसानों का कहना हैं कि अधिकारियों ने अनेकों बार झील का निरीक्षण तो किया, लेकिन सरकार और प्रशासनिक अधिकारी आज तक कभी भी मामोर झील का समाधान नहीं कर पाएं। सभी किसानों ने प्रशासन से नष्ट फसलों का सर्वे कराकर मुआवजे की मांग की है।