मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, कैराना सांसद इकरा हसन ने कहा, “असम सरकार का फैसला संविधान के प्रावधान के खिलाफ है। यह निजी जीवन में हस्तक्षेप है और राइट टू फ्रीडम का उल्लंघन है। हमारे देश की खूबसूरती है कि यहां अलग-अलग धर्मों को मानने वाले लोग निवास करते हैं। अगर सरकारे ऐसे निजी जीवन में हस्तक्षेप करेगी तो हम तानाशाही की तरफ जा रहे हैं। फिर हम अपने आपको लोकतांत्रिक नहीं कह सकते हैं।”
राहुल गांधी के संभल दौरे पर बोलीं इकरा हसन
सपा सांसद इकरा हसन ने राहुल-
प्रियंका गांधी के संभल दौरे पर कहा, “भाजपा सरकार लगातार जो इस तरह से उत्तर प्रदेश में कर रही है। उससे कहीं न कहीं उनकी नीयत पर सवाल उठते हैं कि ऐसा संभल में क्या है, जो जनप्रतिनिधियों को वहां जाने से रोका जा रहा है। हम लोग सिर्फ ये जानना चाहते हैं कि संभल में क्या घटना घटी और इसके पीछे किन लोगों का हाथ हैं। लेकिन सरकार की मंशा गलत लग रही है, जैसे कि वे कुछ छुपाने की कोशिश कर रहे हैं।”
कैराना सांसद ने पुलिस की मंशा पर उठाए सवाल
सांसद इकरा हसन ने
संभल हिंसा को लेकर कहा, “मस्जिद में सर्वे के दौरान पुलिस अपने साथ भीड़ लेकर गई थी। ऐसे में प्रशासन को पहले ही सुनिश्चित करना चाहिए था कि भीड़ न पहुंचे। अगर पुलिस उन्हें लेकर गई है, तो उनकी मंशा पर हमें शक है। हमें लगता है कि इस पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए। मस्जिद के पास जिस तरीके से यह घटना हुई है, यह संवेदनशील मामला है। सर्वे का जो आदेश था, वह एक्स पार्टी द्वारा पारित किया गया था, और जब तक हमारी सभी अपील का निपटारा नहीं हो जाता, तब तक हमें लगता है कि ऐसे संवेदनशील मुद्दों पर कोई भी कार्रवाई नहीं होनी चाहिए।”