दरअसल, मामला थाना आदर्श मंडी क्षेत्र के गांव गोमतीपुर का है। जहां मंगलवार रात 15 वर्षीय एक किशोरी दीये (डिबिया) में मिट्टी का तेल डालते समय झुलस गई थी। जैसे ही परिजनों ने किशोरी के चीखने-चिल्लाने की आवाज सुनी तो वह मौके पर पहुंचे और आनन-फानन में किसी तरह पीडि़ता को लेकर जिला हॉस्पिटल पहुंचे। जहां चिकित्सकों ने प्राथमिक उपचार देने के बाद किशोरी को दिल्ली रेफर कर दिया। उन्होंने बताया कि किशोरी का शरीर 99 फीसदी तक झुलस चुका है। इसलिए जितना जल्दी हो सके इसे दिल्ली स्थित जीटीबी हॉस्पिटल ले जाओ।
परिजनों ने हॉस्पिटल में पता किया तो बताया गया कि एंबुलेंस तो है, लेकिन जाम के कारण हॉस्पिटल से बाहर नहीं निकल सकती। उन्होंने बताया कि दूसरी एंबुलेंस करीब आधा किलोमीटर दूर जाम में फंसी हुई है। इधर, किशोरी की हालत लगातार बिगड़ती जा रही थी। यह देख एंबुलेंस के वार्ड बॉय व कम्पाउंडर ने मानवता का परिजय देते हुए किशोरी को स्ट्रेचर पर लिटाया और जाम के बीच से गुजरते हुए करीब आधा किलोमीटर दूर एंबुलेंस तक पहुंचाया। इसके बाद पीडि़ता को एंबुलेंस से दिल्ली रेफर किया गया, लेकिन दिल्ली अस्पताल पहुंचने पर चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया। पोस्टमार्टम के बाद किशोरी के शव को परिजनों को सौंपा गया। इसके बाद बुधवार को गांव में शव का अंतिम संस्कार किया गया।
बता दें कि शहर के बीचों-बीच स्थित शुगर मिल पर अक्सर गन्ने से लदे ट्रैक्टर-ट्रॉली की वजह से कई किलोमीटर लंबा जाम लग जाता है। यह पहली बार नहीं है आए दिन इस मार्ग पर इसी तरह का नजारा देखने को मिलता है, लेकिन इसके बावजूद जिला प्रशासन इसका स्थायी समाधान नहीं कर सका है। युवती के पिता का आरोप है कि समय से बेटी को उपचार मिलता तो उसकी जान बचाई जा सकती थी।
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