मामला पुलिस थाने पहुंच गया है, लेकिन इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं करने का आरोप पुलिस पर लग रहा है। पीडि़तों का कहना है कि उनकी जमीन पट्टे की जमीन जिसे कर्ज चुकाने के लिए उन्होंने दो साल के लिए लीज पर दिया था उस जमीन की संबंधितों ने धोखाधड़ी करके बिक्री पत्र बनवा लिया। अब जबकि उक्त दलित परिवार ने अपनी पट्टे की भूमि पर फसल की बोवनी की तो दबंगों ने आकर पूरे खेत में बक्खर चलाकर फसल को बर्बाद कर दिया। वहीं इसका विरोध करने पहुंचे वृद्ध पति-पत्नी और उनकी बहु के साथ चार लोगों ने मिलकर मारपीट की और उनके हाथ-पैर बांधकर खेत में ही पटक दिया। मामले में मोहन बड़ोदिया पुलिस आवेदन के आधार पर जांच करने की बात कह रही है।
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ग्राम बीजाना निवासी सत्यनारायण पिता सिद्धनाथ ने बताया कि गांव में उन्हें ढाई बीघा का पट्टा खेती करने के लिए मिला हुआ है। इस पर वे खेती करके अपना गुजर-बसर कर रहे थे। कुछ वर्ष पहले उन्हें रुपए की जरूरत पड़ी तो उन्होंने गांव में से ही एक व्यक्ति से कर्ज ले लिया। इस कर्ज को चुकाने के एवज में उन्होंने अपनी पट्टे की भूमि कर्ज देने वाले को दो साल के लिए लीज पर दे दी। लीज का समय खत्म हो गया तो सत्यनारायण और उसके परिजनों ने मिलकर उक्त पट्टे की भूमि पर बोवनी कर दी। इस बोवनी के बाद खेत में अंकुर भी फुट गए।
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मंगलवार को उसके पिता सिद्धनाथ (80) पिता भेराजी, माता रेशमबाई (75) पति सिद्धनाथ और उसकी पत्नी लीलाबाई पति सिद्धनाथ खेत पर गए थे। इसी दौरान गांव के लक्ष्मीचंद पिता कालूराम, सोनू पिता लक्ष्मीचंद, अरुण पिता लक्ष्मीचंद और डालचंद पिता मदनलाल आ गए। इन चारों ने सिद्धनाथ, रेशम बाई और लीलाबाई को खेत से जाने के लिए कहा। वहीं खेत में ट्रेक्टर की मदद से पूरी फसल को बर्बाद करके खेत को बक्खर दिया।
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बेटे ने आवाज सुनी तो जाकर खोला
जब उक्त लोगों को फसल बर्बाद करने से रोकने का प्रयास सिद्धनाथ, रेशमबाई और लीलाबाई ने किया तो उक्त चारों ने इनके साथ मारपीट शुरू कर दी। सिद्धनाथ को पेड़ से बांध दिया। वहीं रेशमबाई और लीलाबाई के भी हाथ पैर बांधकर खेत में पटक दिया। साथ ही धमकी भी दी कि उनके साथ पूरा गांव है। यदि ये दोबारा खेत पर आए तो उन्हें जान से मार देंगे। इसके बाद पूरे खेत में ट्रेक्टर चलाने के बाद चारों यहां से चले गए। खेत में बंधे हुए पीडि़त दर्द से चिल्लाने लगे तभी उनकी आवाज सुनकर कुछ दूर जंगल में बकरी चरा रहा लीलाबाई का बेटा यहां पहुंच गया। अपने दादा-दादी और माता को हाथ पैर बंधे हुए देखा तो उसने मोबाइल से सभी के फोटो और वीडियो बना लिए। इसके बाद उसने तीनों के हाथ-पैर खोल दिए और सभी घर पर आ गए।
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थाने पर नहीं दिया किसी ने भी ध्यान
सत्यनारायण ने बताया कि इस घटना के बाद वे सभी लोग मोहन बड़ोदिया थाने पर शिकायत दर्ज कराने के लिए पहुंचे, लेकिन यहां पर पुलिस ने उनसे आवेदन ले लिया। जिसकी प्राप्ती भी नहीं दी। सत्यनारायण ने बताया कि खेत पर कब्जा करने वालों ने दोबारा खेत पर जाने पर जान से मारने की धौंस भी दी है। पीडि़तों ने बताया कि घटना के बाद डायल-100 को भी उन्होंने गांव पर बुलाया, लेकिन डायल-100 वाहन भी ग्रामीणों से ही मिलकर वापस लौट गए। उनकी फरियाद सुनने वाला कोई भी नहीं है। पीडि़त पक्ष का कहना है कि उन्होंने पूर्व में भी मामले की शिकायत की थी, लेकिन इसके बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हो रही है।
इनका कहना है
इनका मामला लंबे समय से चल रहा है। ये कहतें है कि जमीन इनकी है कब्जा दूसरों ने कर रखा है। मामले में आवेदन लेकर जांच की जा रही है।
– रमेशचंद्र अवास्या, टीआई, थाना-मो.बड़ोदिया
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कमलनाथ ने किया हमला
पूर्व मुख्यमंत्री एवं प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष कमलनाथ ने शाजापुर में दलित परिवार के साथ हुई मारपीट की घटना के बाद शिवराज सरकार पर हमला बोला है। उन्होंने ट्वीट के जरिए कहा है कि मध्यप्रदेश में दलित और आदिवासियों पर अत्याचार बढ़ते ही जा रहे हैं। शाजापुर में दबंगों ने दलितों की जमीन पर कब्जा कर लिया। परिवार के बुजुर्ग और महिलाओं को पेड़ से बांधकर पीटा। आप मध्यप्रदेश को बर्बरता के किस युग में ले जा रहे हैं, शिवराजजी।